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अलवर-भरतपुर मार्ग की सीमा पर प्रशासन का अड़ियल रुख, फंसे 700 मजदूर - रामगढ़ में मजदूर बेबस

अलवर में मजूदरों का हरियाणा से बड़ी संख्या में पलायन लगातार जारी है, लेकिन भरतपुर के बॉर्डर पर पुलिस और प्रशासन की सख्ती के चलते अलवर और भरतपुर के अधिकारियों के बीच लगातार खींचतान भी जारी रही.

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फंसे 700 मजदूर

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Published : May 7, 2020, 8:37 PM IST

रामगढ़ (अलवर).जिला प्रशासन के द्वारा मंगलवार को खैरथल से 4 बसों में मध्यप्रदेश के मजदूरों को रवाना किया गया था, लेकिन भरतपुर बॉर्डर पर जलूकी में बसों को रोक दिया गया. इसके बाद जिला प्रशासन ने भरतपुर से होकर नॉन स्टॉप बसों को मध्य प्रदेश लेजाने की मंजूरी देने की मांग की थी, लेकिन भरतपुर जिला प्रशासन ने अड़ियल रुख अपनाते हुए मजदूरों को ले जाने की मंजूरी नहीं दी.

इसके बाद अलवर जिल प्रशासन ने जयपुर में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया तब बुधवार शाम को 7 बसों को जाने की परमिशन दी गई. इसके बावजूद अभी भी मौके पर 800 से अधिक मजदूर डटे हुए है. वहीं कई बार तो मजदूर और पुलिस के आमने सामने होने की भी खबर आई है.

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बता दें कि अलवर, रेवाड़ी, आसपास की कंपनियों और अन्य स्थानों पर काम करने वाले करीब 800 से 100 मजदूर अलवर-भरतपुर बॉर्डर जलूकी के समीप 3 किलोमीटर क्षेत्र में ठहरे हुए है. अलवर-भरतपुर बॉर्डर पर तैनात भरतपुर के पुलिसकर्मियों द्वारा पैदल जा रहे मजदूरों को भरतपुर में नहीं घुसने दिया जा रहा है. कुछ श्रमिकों के द्वारा जबरन जाने की कोशिश की गई तो उनपर लाठीचार्ज किया गया.

भरतपुर प्रशासन का अड़ियल रुख

मामले में तनाव के हालात को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने अलवर कोरोना कंट्रोल रूम ओर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया. तब जिला कलेक्टर अलवर द्वारा जयपुर और भरतपुर में अधिकारियों से वार्ता की गई और भरतपुर जिले में मानवीय आधार, बसों और अन्य वाहनों से मजदूरों को ले जाने की मांग की गई. जिसे जयपुर से अतीरिक्त मुख्य सचिव के हस्तक्षेप के बाद अलवर से भरतपुर होकर बसों को एमपी और यूपी ले जाने की अनुमिति दी गई. इसके बाद अलवर जिले से 255 मजदूरों को 7 बसों से एमपी भेजा गया है.

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अलवर-भरतपुर सीमा पर जमे मजदूरों को बड़ोदा मेव थानाधिकारी और स्थानीय लोगों के सहयोग से भोजन और ठहरने की व्यवस्था की गई है. बुधवार को एसडीएम लक्ष्मणगढ़, तहसीलदार लक्ष्मणगढ़, तहसीलदार गोविन्दगढ़, नायब तहसीलदार बड़ौदामेव मौके पर पहुंचे और मौके की जानकारी ली.

नए सरकारी खरीद केंद्र का शुभारंभ

सरकारी समर्थन मूल्य पर ग्राम सेवा सहकारी समिति जमालपुर पर नए केंद्र का शुभारंभ

अलवर के रामगढ़ में सरकारी समर्थन मूल्य पर ग्राम सेवा सहकारी समिति जमालपुर पर नए केंद्र बनाने का राजस्थान सरकार ने स्वीकृत कर दिया है. इसी कड़ी में गुरुवार को विधिवत रूप से पूजा अर्चना के साथ केंद्र का शुभारंभ हुआ है. सरकार के समर्थन मूल्य पर सरसों और चना इस केंद्र पर खरीदे जाएंगे. इसके लिए क्षेत्र वासियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, राज्यमंत्री टीकाराम जूली का आभार जताया है.

जानकारी के अनुसार पूजा अर्चना के साथ आचार्य ने मंत्रोच्चार से सरसों की तुलाई करने वाले कांटे का पूजन करवाया. उससे पहले ट्रैक्टर में रखी हुई सरसों की बोरियों को सैनिटाइज किया गया. सभी के हाथ धुलाए गए और उन्हें मास्क भी वितरित किए गए. वहीं किसानों की यह मांग पूरी होने पर क्षेत्र के किसानों में खुशी व्याप्त है.

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ग्राम सेवा सहकारी समिति जमालपुर को सरकारी खरीद केंद्र बनाया गया है. जहां पर सरसों की खरीद शुरू हो गई है. किसान पहले 20 से 50 किलोमीटर दूर अलवर जाते थे, जिनकी अब समस्या खत्म हो गई है. ग्राम सेवा सहकारी समिति जमालपुर के चेयरमैन अवधेश सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, राज्य मंत्री टीका राम जूली के सानिध्य से सरकारी केंद्र जमालपुर और मालाखेड़ा शुरू हुआ है, जिसके लिए हम उनके अभारी है और धन्यवाद करते है.

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