अलवर. साल 2020 कोरोना के नाम रहा. लोग अपने घरों में बंद रहे. हजारों लाखों लोगों के रोजगार छूट गए. परिवार के लोगों ने कोरोना संक्रमण के डर से एक दूसरे का साथ नहीं दिया. लोगों में खासी दूरियां बन गई. सामाजिक कार्यक्रमों से लोगों को दूर रहना पड़ा. हालांकि, प्रशासन की तरफ से लगातार लोगों को जागरूक किया गया लेकिन लोगों की लापरवाही के चलते हालात खराब रहे.
अलवर राजस्थान के कोरोना के सबसे प्रभावित वाले जिलों में शामिल रहा. प्रतिदिन 300 से अधिक नए संक्रमित मरीज मिले लगे लेकिन धीरे-धीरे हालात में सुधार हुआ. अलवर में ही संक्रमित मरीजों की जांच होने लगी है. अभी प्रतिदिन 15 लोगों की जांच की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में 27 हजार 654 लोग कोरोना संक्रमित हुए. इनमें से 27 हजार 37 लोग स्वस्थ हो गए. अभी स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर 30 प्रतिशत से अधिक हो गई है. अब तक अलवर जिले में 2 लाख 35 हजार 800 सैंपल लिए गए. इनमें से 2 लाख 28 हजार 808 सैंपल की जांच की गई. जबकि 7592 सैंपल अभी पेंडिंग है. जिनकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है. साथ ही 2 लाख 2363 सैंपल नेगेटिव हुए. कोरोना से 125 लोगों ने अपनी जान गंवाई.
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अलवर जिले में एक कोरोना केयर सेंटर बनाया गया है. इसके अलावा निजी अस्पतालों को भी अब इलाज में भर्ती की सुविधा दी गई है. भिवाड़ी, थानागाजी बानसूर सहित सभी सीएचसी में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अलग से बेड निर्धारित किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस समय पंद्रह सौ से अधिक सैंपल लिए जा रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो साल 2020 खासा परेशानी भरा रहा लेकिन इस समय में जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने का काम किया गया. अब जिले में सीएचसी पीएचसी स्तर पर मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं. जिले में पर्याप्त वेंटीलेटर और जांच सुविधा है. साथ ही ठीक होने वाले मरीजों की दर में बढ़ोतरी हुई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि आने वाले समय अलवर के लिए बेहतर हो सकता है क्योंकि हालात पहले से बेहतर हुए हैं. मरीजों की संख्या कम हुई है. वहीं वैक्सीनेशन की तैयारी भी सरकार के निर्देश के बाद की जा रही है. हालांकि, शुरुआत में डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ गंभीर मरीजों को टीके लगाए जाएंगे. लेकिन मरीजों की कम होती संख्या से भी बड़ी राहत मिली है.
कैसे बदला समय