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कोरोना की भेंट चढ़ा साल 2020, जिले में 27 हजार से ज्यादा लोग हुए संक्रमित

साल 2020 समाप्त हो रहा है और 2021 का आगमन हो रहा है. लोग नए साल के स्वागत में जुटे हैं.साल 2020 कोरोना के साए में ही बीत गया. अलवर कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल था. जिले में 27 हजार 604 संक्रमित मरीज पाए गए. इसके साथ ही 125 से अधिक लोगों ने कोरोना के चलते अपनी जान गंवाई. पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य कर्मी नौ माह तक हालात से लड़ते रहे. नए साल में हालात बेहतर होने की उम्मीद की जा रही है.

अलवर में साल 2020, Rajasthan news
चिकित्सकों ने जताई कोरोना को लेकर हालात बेहतर होने के आसार

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Published : Dec 31, 2020, 7:33 PM IST

अलवर. साल 2020 कोरोना के नाम रहा. लोग अपने घरों में बंद रहे. हजारों लाखों लोगों के रोजगार छूट गए. परिवार के लोगों ने कोरोना संक्रमण के डर से एक दूसरे का साथ नहीं दिया. लोगों में खासी दूरियां बन गई. सामाजिक कार्यक्रमों से लोगों को दूर रहना पड़ा. हालांकि, प्रशासन की तरफ से लगातार लोगों को जागरूक किया गया लेकिन लोगों की लापरवाही के चलते हालात खराब रहे.

चिकित्सकों ने जताई कोरोना को लेकर हालात बेहतर होने के आसार

अलवर राजस्थान के कोरोना के सबसे प्रभावित वाले जिलों में शामिल रहा. प्रतिदिन 300 से अधिक नए संक्रमित मरीज मिले लगे लेकिन धीरे-धीरे हालात में सुधार हुआ. अलवर में ही संक्रमित मरीजों की जांच होने लगी है. अभी प्रतिदिन 15 लोगों की जांच की जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में 27 हजार 654 लोग कोरोना संक्रमित हुए. इनमें से 27 हजार 37 लोग स्वस्थ हो गए. अभी स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर 30 प्रतिशत से अधिक हो गई है. अब तक अलवर जिले में 2 लाख 35 हजार 800 सैंपल लिए गए. इनमें से 2 लाख 28 हजार 808 सैंपल की जांच की गई. जबकि 7592 सैंपल अभी पेंडिंग है. जिनकी रिपोर्ट आना अभी बाकी है. साथ ही 2 लाख 2363 सैंपल नेगेटिव हुए. कोरोना से 125 लोगों ने अपनी जान गंवाई.

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अलवर जिले में एक कोरोना केयर सेंटर बनाया गया है. इसके अलावा निजी अस्पतालों को भी अब इलाज में भर्ती की सुविधा दी गई है. भिवाड़ी, थानागाजी बानसूर सहित सभी सीएचसी में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अलग से बेड निर्धारित किए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस समय पंद्रह सौ से अधिक सैंपल लिए जा रहे हैं.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की माने तो साल 2020 खासा परेशानी भरा रहा लेकिन इस समय में जिले में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने का काम किया गया. अब जिले में सीएचसी पीएचसी स्तर पर मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं. जिले में पर्याप्त वेंटीलेटर और जांच सुविधा है. साथ ही ठीक होने वाले मरीजों की दर में बढ़ोतरी हुई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि आने वाले समय अलवर के लिए बेहतर हो सकता है क्योंकि हालात पहले से बेहतर हुए हैं. मरीजों की संख्या कम हुई है. वहीं वैक्सीनेशन की तैयारी भी सरकार के निर्देश के बाद की जा रही है. हालांकि, शुरुआत में डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ गंभीर मरीजों को टीके लगाए जाएंगे. लेकिन मरीजों की कम होती संख्या से भी बड़ी राहत मिली है.

कैसे बदला समय

मार्च माह से देश में कोरोना की शुरुआत हुई. उसके बाद देखते देखते कोरोना की केस बढ़ने लगे. 22 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया. शुरुआत में 21 दिन का लॉक डाउन लगया गया. 3 माह तक लोग पूरी तरह से अपने घरों में बन रहे. इस दौरान हजारों लाखों लोगों के रोजगार छूट गए. सरकार की थोड़ी छूट मिलने के बाद लोगों ने घर से बाहर निकलना शुरू किया. लेकिन अब भी लोगों के जेहन में खोलना का डर बैठा हुआ था. ऐसे में लोगों की आपस में दूरियां बनी कोरोना से बचने के लिए लोगों के सख्त कदम उठाने पड़े.

वैक्सीन की है तैयारी

अलवर में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोरोना वैक्सीन लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. इस दिशा में जिले में वैक्सीन रखने के लिए एक सेंट्रल कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. वहां से पूरे जिले में वैक्सीन सप्लाई की जाएगी. साथ ही शुरुआत में स्वास्थ्य कर्मी गंभीर मरीजों को वैक्सीन लगाई जाएगी.

डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ हुए पॉजिटिव

कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करते हुए अलवर जिले के 250 से अधिक डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ कोरोना संक्रमित हुए. उसके बाद भी डॉक्टरों का हौसला कम नहीं हुआ. लगातार डॉक्टर कोरोना संक्रमित मरीजों का सामना करना पड़ रहा है.

संसाधनों में हुई बढ़ोतरी

कोरोना के दौरान अस्पताल में संसाधन बढाए गए. बेड की संख्या बढाई गई. साथ ही सभी विधायकों व सांसद की तरफ से अस्पताल को एंबुलेंस में विधायक कोष से बजट दिया गया. जिसमें एसी, मशीन सहित कई जरूरत के सामान खरीदे गए.

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