अलवर. कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे से लोगों को बचाने के लिए देशभर में लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. ऐसे में जेल में बंद कैदियों को संक्रमण से बचाने के लिए अलवर सहित प्रदेशभर के केंद्रीय कारागारों से 148 बंदियों को 4 सप्ताह के पैरोल पर छोड़ा गया है. साथ ही जो बंदी पहले से पैरोल पर चल रहे थे, उनकी पैरोल अवधि 3 मई तक बढ़ा दी गई है.
148 बंदियों को चार सप्ताह के पैरोल पर छोड़ा गया तेजी से बढ़ रही है बंदियों की संख्या-
कोरोना वायरस के चलते सभी न्यायालय बंद हैं. ऐसे में बंदियों को छोड़ने की प्रक्रिया पर पूरी तरीके से रोक लगी हुई है. दूसरी तरफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर आरोपियों के पकड़ रही है, जिससे जेलों में बंदियों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में जेल प्रशासन की तरफ से प्रदेश के सभी जिलों से 148 बंदियों को 4 सप्ताह के पैरोल पर छोड़ा गया है. इसमें अलवर केंद्रीय कारागार के चार बंदी भी शामिल हैं. वहीं, दूसरी तरफ जो बंदी पहले से पैरोल पर चल रहे थे, उनकी पैरोल अवधि भी 3 मई तक बढ़ा दी गई है. अलवर के केंद्रीय कारागार से 3 बंदी पहले से पैरोल पर चल रहे थे.
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अलवर केंद्रीय कारागार के अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि, अलवर कारागार में 11 सौ से अधिक बंदी बंद हैं. न्यायालय के आदेश पर जेल प्रशासन की तरफ से प्रदेश के सभी कारागारों से 148 बंदियों को छोड़ा गया है. अलवर केंद्रीय कारागार से भी 4 बंदियों के पैरोल पर छोड़ने के लिए नाम भेजे गए थे, इन सभी को प्रशासन ने 4 सप्ताह के लिए पैरोल पर छोड़ा दिया है. कोरोना के चलते कारागार में बंदियों की संख्या बढ़ रही थी. ऐसे में बंदियों को संक्रमण से बचाने और उनको भोजन सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए न्यायालय के आदेश पर जेल मुख्यालय ने ये फैसला लिया है.