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रोडवेज प्रबंधन ने स्वीकृति के लिए रिश्वत मांगी तो भामाशाह ने डेढ़ करोड़ के विकास से कर दिया इंकार - रोडवेज विभाग की लापरवाही

ब्यावर में खेतपालिया परिवार ने रोजवेज बस स्टैंड का जीर्णोद्धार नहीं करवाने का फैसला लिया है. रिश्वत की डिमांड के चलते खेतपालिया परिवार ने रोडवेज प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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रोजवेज बस स्टैंड का जीर्णोद्धार नहीं कराने का फैसला

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Published : Dec 7, 2019, 2:28 AM IST

ब्यावर (अजमेर). ब्यावर में रोडवेज विभाग की लापरवाही और रिश्वत की मांग के कारण खेतपालिया परिवार अब रोडवेज बस स्टैंड का जीर्णोद्धार नहीं करवाएगा. खेतपालिया परिवार ने बार-बार के चक्कर से परेशान होकर अपना लिया गया संकल्प तोड़ दिया है.

रोजवेज बस स्टैंड का जीर्णोद्धार नहीं कराने का फैसला

बता दें कि खेतपालिया परिवार के सुनील खेतपालिया बाबरा में जन्में हैं और चेन्नई सहित देश-विदेश में अपना व्यापार करते हैं. वह और उनके साथी जो कि ब्यावर से जुडे़ हैं, सभी मिलकर ब्यावर के विकास में करीब 50 करोड़ से अधिक का योगदान देना चाहते हैं. बीते 6 महीनों में 5 बार नक्शा परिवर्तित करने, हैरिटेज जैसे तथ्यों के आधार पर स्वीकृति को रोकने और अंत में सहमति बनने पर रिश्वत की डिमांड के चलते खेतपालिया परिवार ने रोडवेज प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं, ब्यावर में अन्य विकास करने पर सहमति जताते हुए रोडवेज बस स्टैंड के जीर्णोद्धार के लिए इंकार कर दिया है.

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ऐसे में विभाग की लापरवाही और राजनीतिक उदासीनता एक बार फिर ब्यावर को विकास की दौड़ में पीछे धकेल रही है. हाल ही में खेतपालिया परिवार ने बाबरा स्कूल में भवन सहित ब्यावर के कॉलेज में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन अब खेतपालिया परिवार ने ब्यावर प्रशासन की नाकामी और रोडवेज प्रबंधन के नाकारापन के चलते अपने हाथ पीछे खींच लिए है.

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