केकड़ी (अजमेर).भगवान शिव का नाम ही अपने आप में एक अद्भुत है. उनका शृंगार, तपस्या, अलंकार सब कुछ उन्हें दूसरों से अलग बनाता हैं. इसी प्रकार से भगवान शिव के कुछ मंदिर भी अद्भुत और चमत्कारी है. जहां ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की मन्नत अवश्य पूरी होती है. ऐसा ही एक स्थान गुलगांव के पास खारी नदी में स्थित झरनेश्वर महादेव मंदिर की है. इस मंदिर में विराजमान भोलेनाथ की भी एक अनोखी कहानी है. मंदिर में स्थित शिवलिंग के ऊपर लगे छतरी से पानी निकल कर शिवलिंग पर गिरता है. इस जलधारा से पूरे साल महादेव का जलाभिषेक होता रहता है.
मंदिर पुजारी हीरालाल योगी का कहना है कि नदी के पास ही अभ्रक की खान हुआ करती थी. काफी सालों पहले खान से एक शिवलिंग निकला. इस पर खदान मालिक की ओर से नदी के पास में ही शिवलिंग की स्थापानी की गई. बताया जाता है कि यहां पर शिवरात्रि के दिन मंदिर की छतरी से दुध की धारा प्रवाह होने लगी थी. इसके बाद यहां पर आस-पास के गांव के लोगों की ओर से शिव मंदिर पर पशु मेले का आयोजन करने लगे. इसके बाद यहां पशु मेले में पशु की बलि दी जाती थी. जिसके चलते छतरी से जल की धारा की जगह खून की धारा बहने लगी थी.