अजमेर. जिला परिषद में साधारण सभा की बैठक पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में हुई 11:00 बजे शुरू होने वाली बैठक में जनप्रतिनिधियों के देरी से पहुंचने की वजह से बैठक 1 घंटा देरी से शुरू हुई. वहीं बैठक में पेयजल, बिजली, सड़क और शिक्षा विभाग से संबंधित मुद्दे छाए रहे लेकिन बैठक के वास्तविक एजेंडे पर चर्चा नहीं हो पाई.
बैठक में ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर प्रारूप का अनुमोदन चर्चा के बाद किया जाना था लेकिन वह भी नहीं हो सका. बैठक में सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि बीसलपुर बांध अच्छी बारिश से भर चुका है बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की सप्लाई 56 घंटे में हो रही है. जबकि जिले में शहरी क्षेत्र में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घंटे में सप्लाई की जानी चाहिए थी. लेकिन अधिकारियों की कार्यशाला शिथलता की वजह से अजमेर जिले को अभी भी पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है.
सांसद भागीरथ चौधरी ने आरोप लगाया कि जिले में विकास के कार्य ठप पड़े हैं प्रशासन के नाम पर कोई चीज नहीं है, उन्होंने कहा कि केंद्र से मनरेगा का पैसा आने के बावजूद राज्य सरकार कुंडली मारकर बैठी है. चौधरी ने दावा किया कि जिले में राज्य सरकार ने 8 माह के कार्यकाल में 100 रुपए का विकास कार्य भी नहीं हुआ है. बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य मिशन के तहत ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर चर्चा होनी थी.
दरअसल, मिशन के तहत कचरा संग्रहण करवाने के साथ कचरे के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रेचिंग ग्राउंड बनवाने की मांग सदस्यों ने पूर्व बैठक में रखी थी. लेकिन इस प्रमुख मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा नहीं हो पाई उपस्थित सदस्यों और जनप्रतिनिधियों ने अपने अपने क्षेत्र के मुद्दे उठाए. वहीं मौजूद अधिकारियों से सवाल भी किए खास बात यह रही कि बैठक में ज्यादातर विभागों के अधिकारी भी नदारद रहे. ऐसे में सदस्यों के सवालों के जवाब भी अधूरे रह गए.