अजमेर. फिल्म आर्टिकल 15 का ट्रेलर रिलीज होने के साथ ही फिल्म से जुड़ा विवाद भी गरमाने लगा है. अजमेर में अनुसूचित जाति जनजाति अधिकार मंच ने फिल्म का विरोध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. मंच का कहना है कि फिल्म के ट्रेलर के आधार पर विरोध करना दुर्भाग्यपूर्ण है.
अजमेर में अनुसूचित जाति जनजाति अधिकार मंच के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर लामबंद होकर सविधान जिंदाबाद के नारे लगाए. बाद में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. मंच ने ज्ञापन में मांग की है कि फिल्म आर्टिकल 15 को संविधान में आस्था रखने वाले व्यक्ति बिना किसी डर के शांतिपूर्वक देख सके तथा संबंधित सिनेमाघरों में भी आवश्यक कानून व्यवस्था बनी रहे. इसके लिए प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करे.
इसके अलावा फिल्म का विरोध कर रहे संगठन को पाबंद किया जाए. मंच के प्रदेश अध्यक्ष छितरमल टेपण ने कहा कि आर्टिकल 15 नमक फिल्म का प्रसारण 28 जून से होगा फिल्म को बिना देखे ट्रेलर के आधार पर कुछ लोग फिल्म का विरोध कर रहे हैं जोकि गलत है. टेपण ने कहा कि यदि फिल्म में कोई वर्ग विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले दृश्य हैं तो उसे निश्चित रूप से अवैधानिक मानकर उन दृश्यों को हटाया जाना चाहिए. लेकिन जब सेंसर बोर्ड द्वारा प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है ऐसे में फिल्म प्रसारण का विरोध होना न्यायोचित नहीं है.
अमजेर: दलित संगठन ने फिल्म आर्टिकल 15 देखने वाले दर्शकों के लिए सुरक्षा की मांग की मंच के प्रदेश महामंत्री डॉ. लक्ष्मीकांत आर्य ने बताया कि फिल्म को लेकर कुछ लोग सामाजिक समरसता को बिगाड़ने की कूचेष्ठा ना कर रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.
फिल्म आर्टिकल 15 के निर्माता निर्देशक अनुभव सिन्हा है इसमें मुख्य किरदार आयुष्मान खुराना कर रहे हैं. फिल्म दलित अत्याचार पर आधारित है फिल्म का ट्रेलर आने पर विवाद की स्थिति बन गई है. 28 जून को फिल्म आर्टिकल 15 सिनेमाघरों में लगेगी इससे पहले ही दलित संगठन फिल्म दर्शकों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.