अजमेर. कांग्रेस के उम्मीदवारों की चौथी सूची में अजमेर जिले की चार सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा हुई है. इनमें अजमेर दक्षिण से द्रौपदी कोली, नसीराबाद से शिवप्रकाश गुर्जर, ब्यावर से पारस पंच और किशनगढ़ से विकास चौधरी को कांग्रेस ने मैदान में उतारा है. द्रौपदी कोली, विकास चौधरी और शिव प्रकाश गुर्जर तीनों ही नए चेहरे हैं, जबकि पारस पंच पुराना चेहरा है. पिछले चुनाव में भी पारस पंच कांग्रेस के उम्मीदवार थे और वे चुनाव हार गए थे. कांग्रेस ने दोबारा उनपर भरोसा जताया है. बता दें कि अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर कांग्रेस ने जिले की 8 सीटों में से 7 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं.
अजमेर दक्षिण सीट : इस सीट से विगत 20 वर्ष में चार बार चुनाव हुए और इन चुनावों में लगातार भाजपा से अनीता भदेल जीतती आई हैं. यहां कांग्रेस ने उद्योगपति हेमंत भाटी को भी मैदान में उतार कर देख लिया, लेकिन कांग्रेस की दाल गली नहीं. हेमंत भाटी लगातार दो चुनाव हार गए. यही वजह है कि कांग्रेस ने यहां नए चेहरे पर दांव खेला है. द्रौपदी कोली को अजमेर दक्षिण सीट से कांग्रेस ने मैदान में उतारा है. द्रौपदी सेवादल की कार्यकर्ता और अजमेर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष भी हैं. द्रौपदी कोली गहलोत खेमे से हैं.
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नसीराबाद विधानसभा सीट : कांग्रेस ने यहां नए चेहरे पर दांव लगाया है. उम्मीदवार शिव प्रकाश गुर्जर युवा हैं और सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं. शिव प्रकाश गुर्जर सचिन पायलट के लगातार संपर्क में थे और उसी का फायदा उन्हें मिला है. शिव प्रकाश गुर्जर का टिकट फाइनल होने से नसीराबाद में कांग्रेस के नेता और टिकट के दावेदारों को गहरा झटका लगा है. कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे गोविंद सिंह गुर्जर के ममेरे भाई पूर्व विधायक महेंद्र सिंह गुर्जर गहलोत गुट से आते हैं. वहीं, उनके भाई रामनारायण गुर्जर सचिन पायलट गुट से हैं. उम्मीद की जा रही थी कि दोनों में से किसी एक को टिकट मिलेगा. बता दें कि नसीराबाद कांग्रेस का मजबूत गढ़ है, लेकिन विगत एक दशक से कांग्रेस के गढ़ पर भाजपा का कब्जा है.
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किशनगढ़ विधानसभा सीट : यहां कांग्रेस ने नए चेहरे पर दांव लगाया है. भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने वाले विकास चौधरी किशनगढ़ से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. विकास चौधरी ने विगत चुनाव भाजपा की टिकट से लड़ा था. यहां भाजपा की तरह कांग्रेस ने भी जाट समाज के व्यक्ति को टिकट दिया है. मार्बल नगरी किशनगढ़ क्षेत्र से विगत चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी ने जीता था.
ब्यावर विधानसभा सीट : कांग्रेस ने दोबारा पारस पंच जैन को टिकट दिया है. विगत चुनाव में पारस पंच कांग्रेस के उम्मीदवार थे और चुनाव हार गए थे. बता दें कि यहां लगातार तीन बार से भाजपा का कब्जा रहा है. शंकर सिंह रावत को चौथी बार भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है. पारस पंच सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं.