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शहरवासियों ने नगर परिषद अधिकारियों पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

श्रीगंगानगर में बारिश के बाद पानी निकासी और टूटी सड़कों से परेशान लोगों ने नगर परिषद के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. शिकायतकर्ताओं का कहना है कि नालों को ढकने के लिए फेरो कवर लगाने के नाम पर जारी हुआ डेढ़ करोड़ का टेंडर भ्रष्टाचार का एक तरीका है.

भ्रष्टाचार के आरोप, accuse of corruption
भ्रष्टाचार के आरोप

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Published : Mar 13, 2020, 3:31 PM IST

श्रीगंगानगर.शहर में लगातार हुई बारिश के बाद एक ओर जहां पानी निकासी और टूटी सड़कों को लेकर लोग परेशानियां झेल रहे हैं. जिसके चलते नगर परिषद अधिकारीयों पर नालों को ढकने के लिए फेरो कवर के नाम पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लग रहे हैं.

नगर परिषद अधिकारियों पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

नगर परिषद गंगानगर की ओर से डेढ़ करोड़ के फेरो कवर लगाने के मामले में अब शहर के जागरूक लोगों और पूर्व पार्षद ने जिला कलेक्टर के नाम मुख्यमंत्री को शिकायत कर मामले की जांच करवाने की मांग की है. शिकायतकर्ता की मानें तो नगर परिषद नालों को ढकने के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से सीमेंट के फेरो कवर लगाने के टेंडर करके, आम जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे की बंदरबांट करने में जुटी हुई है.

शिकायतकर्ता पूर्व पार्षद संदीप शर्मा ने आरोप लगाया है कि विभिन्न नालों और नालियों पर फेरो सीमेंट कवर लगाने और मरम्मत कार्य के नाम पर जारी किए गए डेढ़ करोड़ रुपए के टेंडर कार्यों में भ्रष्टाचार किया जा रहा है.

शिकायतकर्ता पूर्व पार्षद ने कहा कि नगर परिषद की ओर से 2017-18 में 30 लाख रुपए की लागत से फेरो कवर लगाए गए थे. अब उतने ही वार्डों में डेढ़ करोड़ रुपए के फेरो कवर कैसे लगाए जा रहे हैं. वहीं पूर्व में लगाए गए फेरो कवर कहां गए, इसकी भी जांच होनी चाहिए. इससे साफ पता चलता है कि इस कार्य में नगर परिषद अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत है.

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फेरो कवर के नाम पर किए जाने वाले कार्य में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की संभावना नजर आ रही है. शिकायतकर्ता ने आगे कहा कि दूसरी तरफ शहर के विभिन्न इलाकों में सड़कें क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं. ऐसे में शहर वासियों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. फेरो कवर के नाम पर जारी हुए टेंडर को तुरंत प्रभाव से रोक लगाते हुए, उसकी जांच करवाई जाए. साथ ही नगर परिषद के दोषी अधिकारीयों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. ताकि नगर परिषद में किए जा रहे बड़े भ्रष्टाचार पर रोक लग सके.

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