श्रीगंगानगर.खाद्य पदार्थों में मिलावट आज बड़ी समस्या बन चुकी है. मिलावटी सामान बेचने से ना केवल उपभोक्ताओं के साथ धोखा हो रहा है, बल्कि स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है. मिलावटखोर मिलावटी सामान बेचकर खुद की चांदी बनाने में जुटे हुए हैं. हालांकि सरकार और संबंधित विभाग मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के लिए लगातार अभियान चलाकर कार्रवाई करता है, लेकिन फिर भी मिलावट पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर नमूने लिए जा रहे हैं. नमूना अमानक पाए जाने पर जुर्माने का प्रावधान है. इसी क्रम में अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन डॉ. गुंजन सोनी ने मिलावटी सामान बेचने पर फेक्ट्री मालिक को आर्थिक दंड से दंडित किया है.
जिला प्रशासन ने खाद्य पदार्थ में मिलावट मिलने पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाकर यह साफ संदेश दे दिया है कि अब मिलावटखोरों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा. वहीं इस त्योहारी सीजन में मिलावट करने वालों के खिलाफ आर्थिक रूप से दंडित करने का यह सबसे बड़ा फैसला है. लगातार मिलावटी सामान बेचने की खबरें मिलने से स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने अब मिलावटखोरों को सजा देने का मन बना लिया है. अतिरिक्त जिला कलेक्टर की अदालत में आए मामलो को अब सुनवाई करके सैंपल खराब मिलने पर दंडित करने का मन बनाया गया है.