सीकर. प्रदेश में 7 साल के अंतराल के बाद एक बार फिर से भूमि कर वसूली शुरू कर दी गई है. इस बार नए नियमों के साथ भूमि कर लागू किया गया है. जिससे करोड़ों रुपए की वसूली की जाएगी. खास बात यह है कि इस बार जितनी भी जमीन है और जो भूमि कर के दायरे में आती है, उस पूरी जमीन का टैक्स जमा कराना होगा, इससे पहले तक ऐसा नियम नहीं था.
प्रदेश में 2006 में भूमि कर लागू किया गया था. जो 2013 तक वसूला गया और इसे तब समाप्त कर दिया गया था. अब नए वित्त अधिनियम के तहत एक बार फिर से भूमि कर लागू किया गया है और इसके वसूलने का दायरा भी अलग कर दिया गया है. शेखावाटी की बात की जाए तो सीकर, चूरू और झुंझुनू जिलों में 432 कारोबारियों से करोड़ों रुपए की वसूली की तैयारी है और जल्द ही इनसे वसूली की जाएगी.
सीकर में उप महानिरीक्षक पंजीयन और मुद्रांक विभाग के अधीन आने वाले तीनों जिलों (सीकर, चूरू और झुंझुनू) में करोड़ों रुपए की वसूली की तैयारी है. इनकी वसूली के लिए पहले 31 मार्च तक का समय दिया गया था, लेकिन बाद में कोरोना वायरस की वजह से इसे 30 जून तक बढ़ा दिया गया था. अब 30 जून तक की समय सीमा पूरी हो चुकी है और वसूली के लिए नोटिस जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.
'20 पैसे से लेकर 210 रुपए प्रति वर्ग मीटर तक लगेगा टैक्स'
भूमि कर के नए प्रावधानों के तहत कोई भी माइनिंग इंडस्ट्रियल या औद्योगिक क्षेत्र की जमीन जिसका किसी भी तरीके से कमर्शियल कन्वर्जन हुआ है और वह जमीन अगर दस हजार वर्ग मीटर से ज्यादा है, तो उसका भूमि कर देना ही होगा. इसमें अलग-अलग केटेगरी तय की गई है.
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तीन किस्तों में जमा कराने पर 12 पर्सेंट ब्याज देना पड़ेगा. अधिसूचना के अनुसार लैंड भूमि पर 15 रुपए, कॉपर व्यवसाय पर 15 रुपए रॉक फास्फेट पर 210 रुपए, सीमेंट एसएमएस एफएमएस ग्रेड लाइम स्टोन की दर 6 रुपए तय की गई है. अन्य बड़ी प्रमुख खनिज भूमि पर 3 रुपए की दर से टैक्स वसूला जाएगा.
वहीं डोलोमाइट, फेल्सपार, फुलर्स अर्थ, जैसपार, ग्रेनाइट, जिप्सम, चूना पत्थर, संगमरमर पर 2 रुपए टैक्स. अन्य छोटी भूमि पर 20 पैसे कमर्शियल भूमि पर 3 रुपए और औद्योगिक भूमि पर 2 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से टैक्स वसूला जाएगा.