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7 साल बाद फिर से राजस्थान में लागू हुआ भूमि कर, ये होंगे नए नियम...

कोरोना संक्रमण की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के कारण बर्बाद हुए राज्य के उद्योगपतियों को एक और झटका लगेगा. राजस्थान सरकार एक बार फिर माइनिंग, इंडस्ट्री और कमर्शियल भूमि के मालिकों से टैक्स वसूल रही हैं. सरकार ने 7 साल बाद इन जमीनों पर टैक्स की व्यवस्था लागू कर दी है. हालांकि यह टैक्स 10,000 वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्र की आवंटित जमीन पर ही लगेगा.

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7 साल बाद फिर से लागू हुआ भूमि कर

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Published : Jul 9, 2020, 4:18 PM IST

सीकर. प्रदेश में 7 साल के अंतराल के बाद एक बार फिर से भूमि कर वसूली शुरू कर दी गई है. इस बार नए नियमों के साथ भूमि कर लागू किया गया है. जिससे करोड़ों रुपए की वसूली की जाएगी. खास बात यह है कि इस बार जितनी भी जमीन है और जो भूमि कर के दायरे में आती है, उस पूरी जमीन का टैक्स जमा कराना होगा, इससे पहले तक ऐसा नियम नहीं था.

प्रदेश में 2006 में भूमि कर लागू किया गया था. जो 2013 तक वसूला गया और इसे तब समाप्त कर दिया गया था. अब नए वित्त अधिनियम के तहत एक बार फिर से भूमि कर लागू किया गया है और इसके वसूलने का दायरा भी अलग कर दिया गया है. शेखावाटी की बात की जाए तो सीकर, चूरू और झुंझुनू जिलों में 432 कारोबारियों से करोड़ों रुपए की वसूली की तैयारी है और जल्द ही इनसे वसूली की जाएगी.

7 साल बाद फिर से लागू हुआ भूमि कर

सीकर में उप महानिरीक्षक पंजीयन और मुद्रांक विभाग के अधीन आने वाले तीनों जिलों (सीकर, चूरू और झुंझुनू) में करोड़ों रुपए की वसूली की तैयारी है. इनकी वसूली के लिए पहले 31 मार्च तक का समय दिया गया था, लेकिन बाद में कोरोना वायरस की वजह से इसे 30 जून तक बढ़ा दिया गया था. अब 30 जून तक की समय सीमा पूरी हो चुकी है और वसूली के लिए नोटिस जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है.

'20 पैसे से लेकर 210 रुपए प्रति वर्ग मीटर तक लगेगा टैक्स'

भूमि कर के नए प्रावधानों के तहत कोई भी माइनिंग इंडस्ट्रियल या औद्योगिक क्षेत्र की जमीन जिसका किसी भी तरीके से कमर्शियल कन्वर्जन हुआ है और वह जमीन अगर दस हजार वर्ग मीटर से ज्यादा है, तो उसका भूमि कर देना ही होगा. इसमें अलग-अलग केटेगरी तय की गई है.

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तीन किस्तों में जमा कराने पर 12 पर्सेंट ब्याज देना पड़ेगा. अधिसूचना के अनुसार लैंड भूमि पर 15 रुपए, कॉपर व्यवसाय पर 15 रुपए रॉक फास्फेट पर 210 रुपए, सीमेंट एसएमएस एफएमएस ग्रेड लाइम स्टोन की दर 6 रुपए तय की गई है. अन्य बड़ी प्रमुख खनिज भूमि पर 3 रुपए की दर से टैक्स वसूला जाएगा.

ये होंगे नए नियम

वहीं डोलोमाइट, फेल्सपार, फुलर्स अर्थ, जैसपार, ग्रेनाइट, जिप्सम, चूना पत्थर, संगमरमर पर 2 रुपए टैक्स. अन्य छोटी भूमि पर 20 पैसे कमर्शियल भूमि पर 3 रुपए और औद्योगिक भूमि पर 2 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से टैक्स वसूला जाएगा.

'10 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा भूमि पर लगेगा कर'

बता दें कि यह कर उन लोगों की जमीन पर लगेगा, जिनकी भूमि 10 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा है. खास बात यह है कि इस बार सरकार ने तय किया है कि जो भी लीज धारक या कमर्शियल जमीन के मालिक हैं, वह अपना खुद ही आकलन कर भूमि कर जमा करवा सकते हैं. क्योंकि चाहे उसमें किसी भी तरह का कार्य हो रहा है या नहीं, जिसके पास यह जमीन है उसको टैक्स जमा कराना पड़ेगा.

'इन जिलों में वसूली की तैयारी'

नए अधिनियम के तहत सीकर, चूरू और झुंझुनू के 432 लीज धारक, कमर्शियल जमीन धारक और औद्योगिक जमीन धारक इसके दायरे में आ रहे हैं. सीकर जिले की बात की जाए तो दातारामगढ़ तहसील के 17, खंडेला तहसील के 23, नीमकाथाना तहसील के 59, पलसाना उप तहसील के 22, श्रीमाधोपुर की 29, नेछवा का 1, पाटन के 55 और अजीतगढ़ के 30 प्रकरण इसके दायरे में आ रहे हैं और इनसे वसूली की जाएगी.

इन जिलों में वसूला जाएगा टैक्स

चूरू जिले में चूरू तहसील के 7, बिदासर के 42, रतनगढ़ के 3, सरदार शहर के 4, सिद्ध मुख्य के 2, सुजानगढ़ के 35 और सालासर के 7 लीज धारकों से वसूली की जाएगी.

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वहीं झुंझुनू जिले में झुंझुनू तहसील में 8, मुहाना में 1, खेतड़ी में 30, नवलगढ़ में 7, सुजानगढ़ में 3, उदयपुरवाटी में 24, गुढ़ागौढ़जी में 20, सिंघाना में 2, और मंडावा में 1 जगह से वसूली की जाएगी.

'432 में से महज 18 ने जमा कराया टैक्स'

30 जून तक खुद आकलन करके भूमि कर जमा कराना था. लेकिन सीकर चूरू और झुंझुनू में 432 में से महज 18 कारोबारियों ने अब तक कर जमा करवाएं हैं. अब बाकी से वसूली के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं.

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