कोटा.प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग (DOIT) की ओर से कोटा विश्वविद्यालय (startup workshop in kota university) में डिविजनल लेवल स्टार्टअप कार्यशाला आयोजित की जा रही है. इस कार्यशाला को "आईस्टार्ट" (iStart in kota) नाम दिया गया है. इसमें कोटा संभाग के कई स्टूडेंट्स शामिल हुए. जिन्होंने अपने नए इनोवेशन और प्रोडक्ट की जानकारी साझा की. स्कूली बच्चे भी कई सारे प्रोजेक्ट बनाकर वहां पर पहुंचे थे, जिनका प्रेजेंटेशन दिया है.
इन प्रोजेक्ट में कोटा के एक बच्चे ने पीजी रूम्स नाम की ऐप बनाई है. यह कोटा सहित पूरे देश भर में बच्चों को रेंट पर पीजी हॉस्टल उपलब्ध करवाने की सुविधा दे रही है. इंजीनियरिंग पास आउट इन 4 स्टूडेंट्स का दावा है कि वह बच्चों को आगामी दिनों में रोजमर्रा की जरूरी वस्तुएं और खाना भी उपलब्ध करवाएंगे. जिनमें घर का बना हुआ खाना अपने इलाके की पसंद के अनुसार दिया जाएगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोटा में गुजराती या बिहारी बच्चे हैं, तो उन्हें गुजराती और बिहारी परिवारों से ही टिफिन उपलब्ध करवाया जाएगा. इस तरह की योजना बना रहे हैं. इसके फाउंडर एंड्रॉयड डेवलपर साहिल हैं. उनके साथ में दूसरे एंड्रॉयड डेवलपर गौरव दाधीच, वेब डेवलपर कपिल शाक्यवाल व डिज़ाइनर अर्पित कर रहे हैं.
पोलूशन फ्री करने वाली पॉलिथीनःकोटा के ही इंजीनियरिंग पास आउट मोहक व्यास ने पॉल्यूशन फ्री पॉलीथिन पेश की. उनका कहना है कि वह इस प्रोजेक्ट से जुड़े हुए हैं. यह पॉलिथीन कोटा में तैयार नहीं हो रही, लेकिन दूसरी जगह से बनकर आ रही है. यह मक्का के दाने और आलू के स्टार्च से बनी हुई है. सामान्य पॉलिथीन से यह महंगी है और करीब 6 गुना ज्यादा दाम इसका लगता है. लेकिन यह 150 से 180 दिन में गल जाती है. इसको खाने से पशुओं और व्यक्ति को भी किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है. इसके जरिए प्लास्टिक मुक्त शहर बनाया जा सकता है.