कोटा. लैंडमार्क सिटी के एक हॉस्टल में शॉर्ट सर्किट (Short circuit in a hostel) के चलते मंगलवार रात आग लग गई. हांलांकि यह आग ज्यादा नहीं बढ़ पाई जिससे बड़ा हादसा टल गया. मौके पर पहुंचे अग्निशमन अधिकारियों का कहना है कि हॉस्टल में किसी भी तरह की कोई आगजनी रोकने (fire safety arrangements) का उपाय नहीं किए गए हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि करीब कोटा शहर में ही 800 से ज्यादा हॉस्टल और पीजी ऐसे हैं जहां पर फायर सेफ्टी के इंतजाम (fire safety arrangements) नहीं है. यह हॉस्टल आग के मुहाने पर बैठे हैं और कभी भी बड़े हादसे यहां हो सकते हैं. क्योंकि ना तो यहां इमरजेंसी एग्जिट है, ना ही किसी तरह की फायर सेफ्टी की सुविधाएं हैं.
पढ़ें. Accident in Bassi: आगरा रोड पर भीषण सड़क हादसा, एक ही परिवार के बाइक सवार दो युवकों को मिनी ट्रक ने कुचला
कोटा शहर में करीब तीन हजार से ज्यादा हॉस्टल संचालित हैं. साथ ही बड़ी संख्या में पीजी भी बने हुए हैं. यहां तक कि वन और टू बीएचके फ्लैट भी कोचिंग स्टूडेंट्स और उनके परिवार को किराए पर दिए जाते हैं, लेकिन करीब 800 ऐसी बिल्डिंग हैं जिनमें फायर सेफ्टी के उपकरण (fire safety arrangements) नहीं लगे हुए हैं. जहां पर किसी तरह का कोई इंतजाम नहीं होने के चलते आगजनी से बड़े हादसे होने की आशंका रहती है. इसको लेकर नगर निगम के अग्निशमन अनुभाग ने इन सभी को नोटिस भी जारी किए हैं, लेकिन किसी भी तरह की कोई इंतजाम ये हॉस्टल या पीजी संचालक नहीं कर रहे हैं.
मंगलवार देर रात करीब 1:30 बजे भी लैंड मार्क सिटी (kota landmark city) के एक बहुमंजिला रेजिडेंशियल बिल्डिंग में शॉर्ट सर्किट के चलते आग लग गई थी. हालांकि आग को समय रहते काबू पा लिया गया, लेकिन इस 7 मंजिला बिल्डिंग में 18 परिवार रहते हैं. जबकि यहां पर किसी भी तरह का कोई आग बुझाने के संसाधन नहीं लगाए गए हैं. इस आग की सूचना पर मौके पर नगर निगम के मुख्य अग्निशमन अधिकारी जलज घसिजा और सहायक अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र गौतम पहुंचे थे.
उनका कहना है कि समय रहते फायर एक्सटिंग्विशर से आग को बुझा लिया गया, लेकिन एक बड़ा हादसा टल गया है. इस बिल्डिंग में किसी भी तरह की कोई फायर सुरक्षा इंतजाम (fire safety arrangements) नहीं है. यहां तक कि निकासी के लिए कोई या पास रास्ता भी नहीं बनाया गया है. उन्होंने कहा कि हमने 800 से ज्यादा लोगों को नोटिस दिए हुए हैं, लेकिन हॉस्टल संचालक समझ नहीं पा रहे हैं और फायर सुरक्षा पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है.