कोटा. अभिभाषक परिषद ने गुरुवार को न्यायिक कार्यों को पहले की तरह सुचारू रूप से चलाने की मांग को लेकर कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए अधिकांश अधिवक्ता लाल चौक में एकत्रित हुए. जहां पर अधिवक्ताओं ने अपने साथियों को संबोधित किया. इसके बाद कोटा के मुख्य न्यायाधीश और जिला न्यायाधीश योगेंद्र कुमार पुरोहित को राजस्थान उच्च न्यायालय के नाम का ज्ञापन सौंपा.
अभिभाषक परिषद कोटा के अध्यक्ष बृजराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक सर्कुलर जारी किया गया था. जिसमें अधीनस्थ न्यायालयों में किस प्रकार कार्य होगा और न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों और अधिवक्ताओं की सुरक्षा के बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन राजस्थान उच्च न्यायालय के इस सर्कुलर की आड़ में स्थानीय न्याय प्रशासन और अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारियों ने तानाशाही करते हुए सर्कुलर को अपनी सुविधानुसार लागू किया जा रहा है.
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कौनसा प्रकरण अर्जेंट नेचर का है, किसमें सुनवाई होगी और किसमें सुनवाई नहीं होगी. इन विषयों को संबंधित न्यायालय अपनी सुविधानुसार और तानाशाहीपूर्वक तय कर रहे हैं. अधिवक्ताओं से केवल एक टूल की तरह व्यवहार किया जा रहा है.