कोटा.देशभर में 24 को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है. कोटा में इस दिन को खास बनाने के लिए सामाजिक न्याय अधिकारिता और महिला और बाल विभाग ने मिलकर एक अनोखा प्रयास किया. बच्चियों के इस दिन को खास बनाने के लिए ग्रामीण तबके की बच्चियों को छपाक फिल्म दिखाई गई. इस फिल्म को देखकर बच्चियां भी काफी खुश नजर आईं.
बालिका दिवस पर दिखाई गई छपाक दरअसल जिला प्रशासन, सामाजिक न्याय अधिकारिता, महिला और बाल विभाग ने शुक्रवार एक अनूठा कदम उठाते हुए बालिका दिवस पर छात्राओं को छपाक मूवी दिखाई. ग्रामीण परिवेश और सरकारी हॉस्टल में के साथ-साथ स्कूली छात्राओं को लेकर आज अहलूवालिया मॉल स्थित मल्टीप्लेक्स में अधिकारी पहुंचे.
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बच्चों को मूवी दिखाने का कार्यक्रम अक्षम कल्याण संस्थान और ह्यूमन हेल्पलाइन संयुक्त प्रयास से किया गया है. मूवी देखने पहुंची बालिकाओं का उत्साहवर्धन करने के लिए खुद संभागीय आयुक्त एलएन सोनी, जिला कलेक्टर ओमप्रकाश कसेरा और शहर एसपी दीपक भार्गव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. छात्राओं ने भी इस अनूठे प्रयोग को सराहा है.
260 बच्चियां रहीं मौजूद
सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक ओमप्रकाश तोषनीवाल ने कहा कि जिला कलेक्टर की सोच के अनुरूप माडा के छात्रावास और ग्रामीण बेल्ट के स्कूलों की बच्चियां जो कभी मॉल में नहीं आ सकती, उनको फिल्म दिखाने लाया गया है. जैसा मूवी में संदेश है कि महिला के हक की लड़ाई किस तरह से अंत तक संघर्ष किया और निर्णय उसके पक्ष में हुआ है. राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर इस तरह की मूवी बच्चियों को प्रेरित करेगी. कुल 260 बच्चियां मूवी को देखने आई थी, इनमें 70 ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल और 190 में हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने वाली बच्चियां है.
ह्यूमन हेल्पलाइन के संयोजक मनोज जैन आदिनाथ ने कहा कि जिला प्रशासन के उच्च अधिकारी और सामाजिक संगठन के लोग बच्चियों के साथ इस मूवी को देखने पहुंचे और उनका उत्साह बढ़ाया. उन्होंने कहा कि बच्चियों में कॉन्फिडेंस लाने के लिए इस मूवी को दिखाया गया है.
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गलत काम जो करते हैं वे छिपाएं मुंह
मूवी देखने पहुंची छात्राओं ने यह फिल्म काफी पसंद आई. छात्राओं ने कहा कि मूवी में मैसेज है कि गलत काम जो करते हैं, उन्हें मुंह छुपाना चाहिए. दीपिका पादुकोण ने जिस लड़की लक्ष्मी की भूमिका निभाई है, उसमें बताया है कि जो गलती करता है. उसे सजा मिलती है. हार नहीं मानना चाहिए. आखिर तक संघर्ष करने की कहानी इसमें है. शिक्षक बालकिशन नागर ने कहा कि जिला कलक्टर हमारे गांव जाखोड़ा स्कूल में आए थे. इस दौरान उन्होंने बालिकाओं से बालिका दिवस पर मूवी दिखाने का वादा किया था.
स्कूल के शिक्षिका भी बच्चियों के साथ यहां मौजूद रहीं, उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा लगा रहा है. गांव की गरीब बच्चियां हैं. इनको बाहर निकलने का मौका नहीं मिलता है. ये बहुत खुश हैं. प्रशासनिक अधिकारियों की वजह से इन को मौका मिला है. पूरे स्कूल की तरफ से हम धन्यवाद देते हैं.