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JEE मेन मार्च 2021 में बनाया काव्या चोपड़ा ने रिकॉर्ड, इतिहास में पहली बार कोई छात्रा लेकर आई 300 में से 300 अंक

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Published : Mar 25, 2021, 1:29 AM IST

Updated : Mar 25, 2021, 7:51 AM IST

जेईई मेन मार्च 2021 का परिणाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने देर रात घोषित कर दिया. इस इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में पहली बार इतिहास रचते हुए छात्रा काव्या चोपड़ा 300 में से 300 अंक लेकर आई हैं. काव्या मूलत: दिल्ली की रहने वाली हैं, लेकिन कोटा से वो इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए कोचिंग कर रही थीं. काव्या ने कहा कि यहां पर अनुभवी फैकल्टीज है, जो पूरा सपोर्ट करती है.

JEE main March 2021, काव्या चोपड़ा का रिकॉर्ड
जेईई मेन मार्च 2021 में काव्या चोपड़ा ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड

कोटा.देश की बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन मार्च 2021 का परिणाम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने देर रात घोषित कर दिया. इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में पहली बार इतिहास रचते हुए छात्रा काव्या चोपड़ा 300 में से 300 अंक लेकर आई हैं. काव्या मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं, लेकिन कोटा से वो इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए कोचिंग कर रही थीं.

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काव्या का कहना है कि फरवरी अटेम्प्ट में भी उन्होंने 99.97 परसेन्टाइल स्कोर किए थे, लेकिन मेरा टारगेट 99.98 परसेन्टाइल से ज्यादा स्कोर करने का था, इसलिए मैंने जेईई मेन मार्च अटैम्प्ट दिया था. पहले अटैम्प्ट में फिजिक्स और कैमिस्ट्री पर ज्यादा फोकस किया था. फिर भी कैमिस्ट्री में कम अंक आए थे. इसके बाद मैंने 15 दिनों के अंतराल में कैमिस्ट्री पर ज्यादा ध्यान दिया और मार्च अटैम्प्ट दिया.

उन्होंने कहा कि 10वीं कक्षा 97.6 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है. 11वीं कक्षा में नेशनल स्टैंडर्ड एग्जामिनेशन इन एस्ट्रोनॉमी (एनएसइए) और 9वीं कक्षा से लगातार रीजनल मैथ्स ओलंपियाड (आरएमओ) क्वालिफाइड कर रही हूं. 10वीं कक्षा में इंडियन जूनियर साइंस ओलंपियाड (आइएनजेएसओ) क्वालिफाइड करने के बाद होमी जहांगीर भाभा सेंटर मुम्बई में आयोजित कैम्प में शामिल हुई थी. आईओक्यूपी, आईओक्यूसी और आईओक्यूएम तीनों क्वालिफाइड कर चुकी हूं. मैं रोजाना 7-8 घंटे सेल्फ स्टडी करती हूं और तीनों सब्जेक्ट्स को बराबर समय देती हूं. कोटा जैसा माहौल, बेस्ट पीयर ग्रुप और कम्पीटिशन देश में कहीं नहीं है, इसलिए मैंने जेईई की तैयारी के लिए कोटा आने का निर्णय लिया.

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काव्या ने कहा कि यहां पर अनुभवी फैकल्टीज है, जो पूरा सपोर्ट करती है. भविष्य में आईआईटी मुम्बई सीएस ब्रांच से बीटेक करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहती हूं. परिवार मूलरूप से दिल्ली में निवास करता है. पिता विकास चोपड़ा इंजीनियर हैं, तो मेरी भी रूचि इंजीनियरिंग में थी. मैथ्स और फिजिक्स पसंद है, इसलिए जेईई में जाना तय किया.

Last Updated : Mar 25, 2021, 7:51 AM IST

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