कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की गिरफ्त में आए घूसखोर लाखेरी पुलिस उप अधीक्षक के मामले में एक खुलासा हुआ है. आरोपी ओमप्रकाश चंदेलिया शराब ठेकेदारों को डरा धमकाकर अवैध वसूली में लगा हुआ था. चंदेलिया शराब ठेकेदारों की दुकान को नहीं चलने देने और धंधा बंद करने की धमकी देता था. जिसकी एक कॉल रिकॉर्डिंग भी सामने आई है. एसीबी को परिवाद देने वाले शराब ठेकेदार जोगेंद्र सिंह को भी आरोपी ने रिश्वत नहीं देने पर झूठा मुकदमा बनाकर फंसाने और दुकान पर ताला लगवाने की बात कही थी.
शराब ठेकेदारों को धमकाकर अवैध वसूली कर रहा था घूसखोर डीवाईएसपी
एसीबी द्वारा रिश्वत लेते गिरफ्तार घूसखोर डीवाईएसपी ओमप्रकाश चंदेलिया शराब ठेकेदारों को डरा धमकाकर अवैध वसूली में लगा हुआ था. चंदेलिया शराब ठेकेदारों की दुकान को नहीं चलने देने और धंधा बंद करने की धमकी देता था.
कोटा एसीबी की टीम पिछले 2 दिनों से रिश्वतखोर पुलिस उप अधीक्षक ओमप्रकाश को पकड़ने के लिए लगी हुई थी. आरोपी ने परिवादी जोगेंद्र सिंह से रिश्वत की राशि लेने के लिए हां भर दी. लेकिन आरोपी के ईद की ड्यूटी और अन्य कार्यक्रम में व्यस्त होने के चलते एसीबी ट्रैप की कार्रवाई नहीं कर पाई और टीम वापस कोटा लौट आई. लेकिन गुरुवार को एसीबी की टीम सुबह जल्दी लाखेरी पहुंच गई. परिवादी ने आरोपी के घर जाकर रिश्वत की राशि दी, तो एसीबी ने इशारा पाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
घूसखोर को गिरफ्तार करने के लिए एसीबी के एडिशनल एसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार के नेतृत्व में बनी टीम में निरीक्षक अजीत बागडोलिया, दलवीर सिंह, कांस्टेबल सत्येंद्र सिंह, भरत सिंह, नरेंद्र सिंह, दिलीप सिंह, मनोज कुमार, देवेंद्र व हेमंत सिंह शामिल थे.