कोटा. स्मार्ट सिटी और नगर विकास न्यास कोटा शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए करोड़ों रुपए के विकास कार्य करवा रही है. इसके तहत कई अंडरपास और फ्लाई ओवर निर्माण के साथ एलिवेटेड रोड भी बनवाई जा रही हैं. कई काम पूरे हो गए हैं और वहां से यातायात भी शुरू हो गया है. शहर में हो रहे चौराहों के सौंदर्यीकरण (Beautification of intersections in Kota city) के कार्य आगामी 6 माह में पूरे हो जाएंगे. इसके साथ ही करोड़ों रुपए के विकास कार्यों के साथ चौराहों के सौंदर्यीकरण पर भी सरकार करीब 50 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रही है.
अद्भुत होंगे चौराहों के स्ट्रक्चर
इनमें चौराहों में कई अलग तरह के स्ट्रक्चर बनाए जा रहे हैं जो देश भर में कहीं और नहीं होंगे. इनमें एरोड्रम सर्किल पर तो टावर ऑफ लिबर्टी बनाया जा रहा है. चौराहे पर बना स्ट्रक्चर ऐसा होगा जिसे 10 किलोमीटर दूर से भी देखा जा सकेगा. क्योंकि चौराहे के एक टावर की ऊंचाई करीब 48 मीटर यानी कि 165 फीट के आसपास होगी. यहां तक कि कई चौराहों पर विदेशी पत्थर भी लगाए जा रहे हैं. अदालत चौराहे पर सौंदर्यकरण के साथ बड़े हाथी बनवाए गए हैं. हाथी बनवाने के लिए वियतनाम से मार्बल मंगवाया गया था.
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17 करोड़ से हो रहा चौराहों का काम
कोटा स्मार्ट सिटी के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र राठौर ने बताया कि एरोड्रम सर्किल पर बिना ट्रैफिक में व्यवधान किए सर्किल तैयार करवाया गया है. यहां से अंडरपास और ओवरपास का निर्माण अलग बजट से हुआ है. इसके अलावा चौराहे को सौंदर्यीकरण के लिए 17 करोड़ थे जिनमें बिजली का भी काम होना है. इसके अलावा सौंदर्यीकरण में जैसलमेर स्टोन से पूरे अंडरपास को भी तैयार करवाया गया है. साथ ही बची हुई राशि से टावर ऑफ़ लिबर्टी का निर्माण किया जा रहा है. इसमें तीन टावर बन रहे हैं. पहला टावर 48, दूसरा 38 मीटर और तीसरा टावर 31.5 मीटर ऊंचा होगा. इसका निर्माण कार्य अभी चल रहा है. पहले से भी यहां पर खड़े 4 टावर को एक-दूसरे से जोड़ते हुए बनाया गया है. इसमें जैसलमेर स्टोन से झरोखे, छतरिया और टोरडी बनाई जाएगी. एसई राठौर का कहना है कि यह इस प्रकार का देश का पहला स्ट्रक्चर है. उसमें नाम भी टावर ऑफ लिबर्टी दिया है.
घोड़े वाला बाबा चौराहे पर युद्ध का विवरण
एसई राठौर ने बताया कि घोड़े वाले बाबा चौराहे पर भी 23 मीटर ऊंचाई वाला एक चौराया बनाया जा रहा है. इसमें बांसवाड़ा मार्बल से तैयार घुड़सवार और शेर लगाए जाएंगे. शेर व घुड़सवार तैयार भी हो गए हैं. यहां पर पूरी तरह से राजस्थानी शैली पर काम हुआ है. इस पूरे चौराहे पर चारों तरफ मार्बल पर युद्ध का चित्रण किया गया है. पूरी तरह से इसे हेरिटेज चौराहा बनाया जा रहा है. इसमें हेरिटेज जालियां भी लगाई जा रहीं हैं. यह चौराहा भी करीब 2 किलोमीटर दूर से नजर आ जाएगा. इसमें करीब 13 करोड़ का खर्चा होगा.
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7 करोड़ से कलेक्ट्रेट सर्किल बना हाथी वाला चौराहा
नगर विकास न्यास 7 करोड़ रुपए अदालत चौराहे पर भी खर्च कर रहा है. कलेक्ट्री सर्किल को पूरी तरह से बदल दिया गया है. यहां पर स्वतंत्रता संग्राम के समय का स्ट्रक्चर प्रदर्शित किया हुआ था. इसको कई मीटर ऊंचा उठाकर प्रदर्शित किया गया है. यहां तक इस पूरे चौराहे पर चार बड़े-बड़े हाथी लगाए गए हैं. इस पूरे काम में वियतनाम के पत्थर का प्रयोग किया गया है. इस चौराहे के आसपास अदालत और कलेक्ट्रेट की दुकानें और दीवारों का भी सौंदर्यकरण हुआ है. यहां पुरानी तोपें भी रखी हुईं थीं जिनको भी ऊंचा उठाकर प्रदर्शित किया है.
3 किलोमीटर दूर से नजर आएगा शहर के प्रवेश द्वार का मॉन्यूमेंट
विवेकानंद सर्किल कोटा का प्रवेश द्वार है. यहां जयपुर और बारां से आने वाला रास्ता आता है. इस चौराहे को भी गोल्डन टेंपल पर जिस तरह से फसाड़ डेवलपमेंट किया गया है. उसी तरह से यहां चौराहे पर सभी बिल्डिंगों को एकरूपता दी गई है. राजस्थान हेरिटेज की थीम पर इन्हें तैयार किया गया है. विद्युतीकरण, सौंदर्यकरण और अन्य पर 25 करोड़ का खर्चा किया है. इस चौराहे पर स्वामी विवेकानंद की एक 17 मीटर ऊंची मूर्ति भी स्थापित की गई है. इसे भी तीन किमीमीटर दूर से ही देखा जा सकेगा.
स्वामी विवेकानंद चौराहे का सौंदर्यीकरण नहीं होगा ट्रैफिक को किसी तरह का हर्डल
अभियंताओं ने दावा किया है कि इन चौराहों का निर्माण पहले के बराबर ही है. कुछ चौराहों को छोटा कर दिया गया है. कुछ चौराहों के सौंदर्यीकरण के लिए रोड साइड काम किया गया है. क्योंकि वहां पर अंडरपास और फ्लाईओवर बन गए हैं. ऐसे में जहां भी यह निर्माण किया गया है. वहां पर किसी तरह का कोई ट्रैफिक व्यवधान नहीं रहेगा और राहगीरों को आने-जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
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लाइटिंग से निखर जाएंगे चौराहे
यूआईटी के अभियंताओं का मानना है कि सभी नई जगह जहां पर मॉन्यूमेंट्स लगाए गए हैं वहां लाइटिंग पर भी खास ध्यान दिया गया है. करोड़ों रुपए लाइटिंग में भी खर्च किए गए हैं ताकि यह मॉन्यूमेंट्स रात में भी रोशन रहें. अभियंताओं का कहना है कि पर्यटन की दृष्टि से इसे तैयार किया गया है. कोई भी व्यक्ति अगर कोटा आता है तो वह इन सभी स्ट्रक्चर को जरूर देखेगा. इससे पर्यटन को काफी बढ़ावा मिलेगा.
विदेशों की तर्ज पर तैयार किए हैं चौराहे
कोटा के इन चौराहे की डिजाइन तैयार करने वाले आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया का भी मानना है कि पहले से चौराहे बने हुए थे और सर्किल भी उतना ही था, लेकिन जो मॉन्यूमेंट या स्टेच्यू लगे हुए थे. वह नजर नहीं आ रहे थे. ऐसे में हमने विदेशों की तर्ज पर इन चौराहों को ऊंचा उठाया है और यहां पर लगे महापुरुषों की प्रतिमाओं को भी ऊंचा किया है ताकि दूर से ही यह नजर आ सकें. इससे चौराहे का स्वरूप निखरेगा और दूर से ही यह मॉन्यूमेंट नजर आते हैं.
महाराणा प्रताप के गोल चक्कर लगाता हुआ बनेगा एलिवेटेड रोड
कुन्हाड़ी के महाराणा प्रताप सर्किल पर एलिवेटेड फ्लाईओवर का निर्माण कर रहा है. यह एलिवेटेड रोड पूरी घूमती हुई एलिवेटेड रोड के नीचे ही खत्म हो रही है. ऐसे में इसके बीच में बनने वाले गोल चक्कर में अब महाराणा प्रताप की पुरानी मूर्ति को स्थापित किया जाएगा. इस मूर्ति को भी ऊंचा उठाकर 14 मीटर ऊंचाई पर रखा जाएगा. इसके लिए भी पौने दो करोड़ के आसपास का बजट है. यह मूर्ति भी एलिवेटेड रोड शुरू होने पर ही साफ नजर आ जाएगी. इसके लिए बेस पेडेस्टल का निर्माण किया गया है. एलिवेटेड रोड महाराणा प्रताप की परिक्रमा करता नजर आएगा. यह मूर्ति चारों तरफ चक्कर लगाता हुआ बनेगा.
घंटाघर चौराहे के नजदीक लगाया ग्लोब
घंटाघर चौराहे पर भी आर्मी एरिया के नजदीक होने से एक बड़ा टैंक स्ट्रक्चर पर रखा गया है. यह टैंक पहले से यहीं स्थित था लेकिन अब अंडरपास बनने से चौराहा खत्म हो गया है. ऐसे में स्लिप लेन के नजदीक पेडेस्टल बेस बनाते हुए टैंक को रखा गया है. साथ ही अंडर पास से जेल की तरफ जाने वाले रास्ते पर एक छोटा चौराहा बना है. वहां पर एक पत्थर से 20 फीट का ग्लोब बनाया गया है. इस ग्लोब पर सैनिक और उसे एक फूल देती हुई लड़की का स्टेच्यू बना है. यह वर्ल्ड के ग्लोब पर बैठे हुए हैं.
सवा तीन करोड़ से लगेगी गांधी, पटेल और नेहरू की मूर्ति
नगर विकास न्यास किसी के साथ में जेडीबी गर्ल्स कॉलेज के सामने रोड के बगल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व गृहमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल और पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू की 12 फीट ऊंचाई की प्रतिमा लगाई जाएगी. यहां पर पहले घोड़े लगे हुए थे जिनको हटाकर किशोर सागर तालाब में लगाने की योजना नगर विकास न्यास बना रहा है. हालांकि इस जगह से घोड़े हटा लिए गए हैं. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान चर्चा करते हुए महात्मा गांधी सरदार वल्लभभाई पटेल और जवाहरलाल नेहरु बैठे हुए की मूर्ति लगाई जा रही हैं. इसके लिए सवा तीन करोड़ रुपए का बजट भी जारी कर दिया गया है. यहां तक कि यहां पर लगने वाली मूर्तियों का निर्माण भी शुरू हो गया है.