राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

PMAY कंसल्टेंट रिश्वत प्रकरण में ACB करवाएगी भौतिक सत्यापन, लपेटे में आ सकते हैं कई UIT अधिकारी

पीएमएवाई कंसल्टेंट (यूआईटी इंजीनियर) के 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते ट्रैप होने के बाद एसीबी की जांच अब आगे बढ़ गई है और अब ये जांच नगर विकास न्यास और 'रुडसिको' के अधिकारियों तक पहुंच सकती है. अब जो 400 मकानों के लिए राशि जारी हुई है, एसीबी की ओर से उनका भौतिक सत्यापन करवाया जाएगा. साथ ही यह भी जांच करवाया जाएगा कि उनकी जियो टैगिंग सही हुई है या नहीं.

कोटा समाचार, kota news
PMAY कंसल्टेंट रिश्वत प्रकरण

By

Published : Jun 13, 2020, 4:37 PM IST

कोटा.जिले की एसीबी की टीम ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नगर विकास न्यास में बतौर कंसल्टेंट तैनात सीताराम मीणा और दलाल होमगार्ड के जवान को 40 हजार रुपए की रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया था. इस मामले में एसीबी की जांच आगे बढ़ कर नगर विकास न्यास के अन्य अधिकारियों और रुडसिको के अधिकारियों तक पहुंच सकती है.

PMAY कंसल्टेंट रिश्वत प्रकरण

एसीबी के निरीक्षक दलवीर सिंह फौजदार का कहना है कि इस मामले में एसीबी जो 400 मकानों के लिए राशि जारी हुई है, उनका भौतिक सत्यापन करवाएगी. साथ ही यह भी जांच करेगी कि उनकी जियो टैगिंग सही हुई है या नहीं. एसीबी को अंदेशा है कि इनमें से अधिकांश मकान तो बने नहीं, लेकिन उनका भुगतान जारी हो गया है, जिसमें बड़े स्तर पर उच्चाधिकारियों ने पैसा गबन किया है.

वहीं, बापू नगर कॉलोनी के लोग कह रहे हैं कि हर फाइल पर उनसे पैसा लिया गया है. ऐसे में कितना पैसा लिया गया है, यह बाद में ही क्लियर होगा. कुछ मकानों की जियो टैगिंग होती है, वह सही नहीं हुई है. अधिकांश मकान बनने की शुरुआत की स्थिति जैसी ही है.

पढ़ें- ACB के शिकंजे में पूर्व मंत्री भवानी जोशी, निर्माण स्वीकृति के मुकाबले होटल की ऊंचाई बढ़ाने के मामले में केस दर्ज

परिवादी का कहना है कि अधिकांश मकान बने ही नहीं है, केवल पैसा ही उठाया गया है. इसके लिए 517 फाइलें स्वीकृत हुई थी, इनमें से 400 के खाते में पैसा चला गया है. उनके खातों में 60 हजार रुपए जारी हो गए हैं और सेकंड किस्त के लिए फाइल क्लियर करके आगे भेज दी गई है.

फार्म भरने से लेकर सत्यापन तक भ्रष्टाचार...

एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि जहां पर आवेदन 525 रुपए के फॉर्म के साथ होता था, उसके लिए 2 हजार रुपए आवेदकों के लिए जा रहे थे. अब यह फॉर्म की रेट जरूर 625 हो गई है. वहीं, इस मामले में फौजी करके जो आदमी था, जिसने पैसा लेने से मना कर दिया, उसके सीताराम से क्या संबंध थे, उस बारे में भी अनुसंधान किया जाएगा.

सुपरवाइजरी अधिकारी भी हैं राडार पर...

एसीबी के निरीक्षक दलवीर सिंह फौजदार के अनुसार जो मकानों के लिए राशि स्वीकृत हुई है, उसमें 400 से 500 मकानों का मामला है. इसमें करीब 50 लाख रुपए के आसपास गबन की बात आ रही है. जिन फाइल को रुडसिको जयपुर भेजा था. उनके लिए क्लीयरेंस के लिए रुडसिको के अधिकारी भी सीताराम मीणा को तलब कर रहे थे.

वहीं, सीताराम ने भी एसीबी को कहा है कि क्लीयरेंस के लिए भी उससे पैसा मांगा जा रहा था. आईटी में जो सुपरवाइजर अधिकारी हैं, उनकी क्या भूमिका है, इस संबंध में भी जांच की जाएगी. कहीं ऐसा तो नहीं कि सुपर विजन करने वाले लोग भी इसमें मिले हुए हों.

ABOUT THE AUTHOR

...view details