जोधपुर. जिले केबनाड़ थाना इलाके के नांदड़ी क्षेत्र में बने सीवरेज नाले में 11 जुलाई की रात को एक युवक का क्षत-विक्षत अंग थैले में मिला. जिसे पुलिस ने कब्जे में लेकर हत्या की आशंका के चलते जांच शुरू की और इस ब्लाइंड मर्डर केस का 48 घंटे में खुलासा कर दिया. पुलिस ने इस मामले में मृतक की पत्नी उसकी दो साली और एक युवक भीयाराम को गिरफ्तार किया है.
जांच के दौरान सामने आया कि मृतक चरण सिंह उर्फ सुशील मेड़ता का निवासी है और कृषि विभाग में अधिकारी है. इसका सीमा नाम की लड़की से 2013 में बाल विवाह हुआ. शादी के बाद लगभग 7 साल तक सीमा अपने घर पर ही रही वह चरण सिंह के पास नहीं गई क्योंकि उन दोनों का मुकलावा नहीं हुआ था.
पत्नी ने पति को बेरहमी से उतारा मौत के घाट पिछले कुछ महीनों से मृतक चरण सिंह उर्फ सुशील जाट अपनी पत्नी के साथ वैवाहिक संबंध बनाना चाहता था. लेकिन उसकी पत्नी सीमा ने उसे मना कर दिया और इस बात को लेकर दोनों के बीच काफी विवाद भी हुए. जिसके बाद 10 अगस्त को चरण सिंह को सीमा सीमा ने बनाड़ थाना इलाके में अपनी बहनों के किराए के मकान पर बुलाया और वहां उसे कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश कर दिया और इंजेक्शन भी दिया.
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बेहोशी के बाद चरण सिंह का सीमा ने गला दबाया और अपनी दो बहनों के साथ ही भीयाराम की मदद से उसे बाथरूम में ले जाकर इलेक्ट्रॉनिक कटर से उसके हाथ, पैर और गर्दन काट दिए. चरण सिंह के मानव अंग काटने के बाद सीमा ने हाथ, पैर और सिर को एक थैले में डालकर बनाड़ थाना क्षेत्र के नागरिया के में बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में डाल दिया. वहीं, मृतक के धड़ को मंडोर थाना इलाके में फेंक दिया.
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आधुनिक तकनीकी साधनों की सहायता से जानकारी प्राप्त कर इस पूरे मामले का खुलासा किया. पुलिस ने इस मामले में सीमा, प्रियंका, बबीता और भीयाराम को हत्या सहित अन्य धाराओं में गिरफ्तार किया है. पुलिस जानकारी के अनुसार मृतक चरण सिंह अपनी पत्नी सीमा के साथ वैवाहिक संबंध बनाना चाहता था लेकिन सीमा को चरण सिंह पसंद नहीं था, जिसके चलते उसने अपनी बहनों और बहन के परिचित के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी.
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फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ के आधार पर हत्या करने में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक कटर और गाड़ी बरामदगी के प्रयास कर रही है. साथ ही शुक्रवार को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड मांगा जाएगा. घटना के बाद डीसीपी धर्मेंद्र यादव के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भागचंद, एसीपी मंडोर राजेंद्र प्रसाद दिवाकर, थानाधिकारी बनाड़ अशोक आंजना सहित पुलिस टीम का इस मामले का खुलासा करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा.