जोधपुर.सेना और राज्य की खुफिया एजेंसियों ने छह लोगों को हिरासत में लिया है. इन लोगों को पाकिस्तान को महत्वपूर्ण सूचना पहुंचाने के मामले में डिटेन किया गया है. सैन्य सूत्रों के अनुसार इनमें एक छुट्टी पर आया सेना का जवान भी शामिल है. बाकी सिविलियन हैं, जिनको पाक आईएसआई की महिला एजेंटों ने हनी ट्रैप में फंसा रखा था. यह बात भी सामने आ रही है कि इन लोगों ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां इन महिला एजेंट्स को दी हैं. आजादी के 75वीं वर्षगांठ से पहले इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए खुफिया एजेंसियों ने काफी मशक्कत की है. हिरासत में लिए गए लोगों में जोधपुर से तीन, पाली से एक और जैसलमेर जिले से दो लोग हैं. इन सभी से फिलहाल जोधपुर में पूछताछ की जा रही है. संभवतः दोपहर तक सबको जयपुर ले जाया जाएगा, उसके बाद पूरी जानकारी सामने आएगी.
हनी ट्रैप में फंसा सेना का जवान, खुफिया एजेंसियों ने छह को किया डिटेन
स्वतंत्रता दिवस से पहले बड़ा खुलासा, आईएसआई से तार जुड़े होने की आशंका. हिरासत में लिए गए छह लोगों में जोधपुर से तीन, पाली से एक और जैसलमेर जिले से दो लोग हैं. इन सभी से फिलहाल जोधपुर में पूछताछ की जा रही है.
मई में हुआ था खुलासा, हिंदू बनकर जवान का हनी ट्रैप - इस वर्ष मई में ही खुफिया एजेंसियों ने पाक आईएसआईएस की महिला एजेंट (ISI female agent) को लेकर बड़ा खुलासा किया था. इसमें पाक आईएसआईएस की महिला एजेंट ने अपना नाम रिया बताते हुए खुद को हिंदू बताया. साथ ही खुद की वर्दी में फोटो शेयर की थी. उसकी चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर जोधपुर में मिसाइल रेजिमेंट में नियुक्त 24 वर्षीय प्रदीप कुमार फंसा लिया. करीब पांच माह तक वह उसके प्रेमजाल में फंसा रहा. इस दौरान उसने अपने कार्यक्षेत्र से जुड़ी कई जानकारियां व वीडियो उसे शेयर कर दिए थे. लेकिन बाद में उसने डिलिट भी कर दिए, लेकिन इंटेलिजेंस की टीम ने उन्हें वापस रिकवर कर लिया. जवान को गिरफ्तार किया गया था.
वहीं, जैसलमेर के पोकरण से डिटेन किया गया संदिग्ध शहर में पिछले तीन वर्षों से डेयरी का काम कर रहा था. मजीद खां भणियाणा का रहने वाला है. हिरासत में लिए गए संदिग्ध पाकिस्तानी जासूसों के मोबाइल फोन व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को जांच के लिए सीज किया गया है. फिलहाल, प्रकरण में राजस्थान इंटेलिजेंस की जांच जारी है और जासूसी के आरोप प्रमाणित होने पर आरोपियों के खिलाफ राज्य विशेष शाखा द्वारा शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत प्रकरण दर्ज कर अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा.