जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पी एस भाटी ने पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के तीन कर्मचारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए परिवादी से जवाब तलब किया है. पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की सूरजपोल और लक्ष्मीनगर शाखा के प्रबंधक अभिषेक सिंह सांदू, अशोक गौड़ और नारायण सिंह के खिलाफ अपने पद का दुरुपयोग कर दूसरों के नाम से लोन उठाने की पुलिस में एफआईआर दर्ज हुई थी.
हाइकोर्ट ने पाली को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधकों की गिरफ्तारी पर लगाई रोक, परिवादी से मांगा जवाब
राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पी एस भाटी ने पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के तीन कर्मचारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए परिवादी को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब मांगा है. परिवादी ने प्रबंधकों के खिलाफ पद का दुरुपयोग कर फर्जी लोन उठाने की एफआईआर दर्ज कराई थी.
एफआईआर को निरस्त करवाने के लिए दायर याचिका पर पक्ष रखते हुए एडवोकेट विक्रम सिंह ने कोर्ट को बताया कि लोन सेंक्शन की पूरी प्रक्रिया है. जिसमे कई स्तर पर वेरिफिकेशन होता है, रिपोर्ट बनती है, लोन भी किश्तों में दिया जाता है. भवन निर्माण में लगातार निर्माण प्रगति पर ही किश्त जारी होती है. ऐसे में प्रबंधक इस मामले में दोषी नहीं है. यह एफआईआर भी किश्त का चेक बाउंस होने के बाद दायर की गई. जो दर्शाता है कि इसमें बैंककर्मियों की कोई भूमिका नहीं है. इस पर जस्टिस भाटी ने तीनों बैंक कर्मियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए संबंधित पक्ष को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब मांगा है.