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कोरोना इंतजाम को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई...रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर हो स्क्रीनिंग - कोरोना वायरस का कहर

कोरोना को हराने के लिए राजस्थान सरकार अपनी ओर से हर मुमकिन कोशिश कर रही है. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा किए गए इंतजामों में खामियां बताते हुए राजस्थान हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. जिसमें जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शुभम मोदी ने कहा कि सरकार ने जो इंतजाम किए हैं, वह नाकाफी है.

कोरोना वायरस का कहर, Corona virus havoc
कोरोना इंतजाम को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई

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Published : Mar 18, 2020, 11:47 PM IST

जोधपुर. प्रदेश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए इंतजामों में खामियां बताते हुए राजस्थान हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई.

कोरोना इंतजाम को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई

जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शुभम मोदी ने कहा कि सरकार ने जो इंतजाम किए हैं, वह नाकाफी है. हाईकोर्ट परिसर में ही अगर किसी वकील को सैनिटाइजर की आवश्यकता पड़ जाए तो उपलब्ध नहीं है. अस्पतालों में डॉक्टरों की ड्यूटी भी व्यवस्थित नहीं की गई है. अभी भी टुकड़ों-टुकड़ों में डॉक्टरों को लगाया गया है.

निजी अस्पताल को संदिग्ध मरीजों का उपचार करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इन सबसे बड़ी बात सुनवाई के दौरान यह कही गई कि हवाई अड्डे पर तो बहुत तरीके से स्क्रीनिंग की जा रही है. लेकिन बड़ी संख्या में पर्यटक और बाहरी लोग जयपुर, जोधपुर, अजमेर और जैसलमेर के रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर आते हैं. लेकिन वहां किसी भी तरह की स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं है. जबकि यह अति आवश्यक है.

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बस में यात्रा करने वाले व्यक्ति की कोई जांच नहीं हो रही है. सुनवाई के बाद जस्टिस संदीप मेहता ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब तलब किया है. जिसकी अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी. इस जवाब में खासतौर से निजी अस्पतालों द्वारा संदिग्ध मरीजों के उपचार में रुचि नहीं दिखाने पर पूरी जानकारी मांगी गई है. साथ ही अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों की भी जानकारी मांगी गई है.

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