जोधपुर. शहर में 2 दिन से चल रहे सांप्रदायिक तनाव के बीच बुधवार को जिला प्रशासन की ओर से बुलाई गई शांति वार्ता की बैठक का (BJP Boycotts Peace Talks on Jodhpur Violence) भाजपा ने बहिष्कार कर दिया. भाजपा नेताओं का कहना था कि बैठक में एक तरफा बात हो रही थी. प्रशासन सरकार की नीयत पर तुष्टिकरण कर रहा है. हमारी बात नहीं सुनी गई. जो लोग घटना के दौरान बचाव कर रहे थे, उनको घर से उठाकर ले जाया गया. उनके खिलाफ नामजद मामले दर्ज कर लिए, जबकि कहीं पर भी वह कोई ऐसी गतिविधि करते नजर नहीं आ रहे हैं, जिससे कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.
भाजपा के राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत ने कहा कि हम भी शांति और सौहार्द चाहते हैं. लेकिन प्रशासन और सरकार की नियत (BJP Alleged Gehlot Government) तुष्टिकरण की बनी हुई है. प्रशासन मामला खत्म करने और लीपापोती करने की तैयारी कर हमारा पक्ष सुनने के लिए तैयार नहीं है. वहीं, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रसन्न चंद मेहता ने कहा कि इस तरह की बैठक मामले को खत्म करने के लिए बुलाई जाती है, लेकिन यहां एक तरफा बातें की जा रही हैं. बैठक के बाद इस घटना को लेकर मुफ्ती शेर मोहम्मद ने कहा कि मामले के लिए सभी लोगों को माफ कर दिया जाना चाहिए.