जयपुर.पंचांग के अनुसार 1 जुलाई को पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है. आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को पुष्य नक्षत्र के मौके पर भगवान गणेश (Worship of Lord Ganesha on Pushya Nakshatra) के मंदिरों में विशेष पूजा की गई. भगवान गणपति का पंचामृत और दूध से अभिषेक कर मोदक का भोग लगाया गया. बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पुष्याभिषेक और शृंगार झांकी के दर्शन किए. ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा माना जाता है.
पुष्य नक्षत्र के मौके पर शुक्रवार को मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में 151 किलो दूध, 21 किलो दही, सवा 5 किलो घी, 21 किलो बुरा, शहद, केवड़ा जल, गुलाब जल, केवड़ा इत्र और गुलाब इत्र से गणपति का अभिषेक किया गया. इसके बाद गंगाजल से शुद्ध स्नान कराया गया और भगवान गणपति सहस्त्रनाम से 1001 मोदक अर्पित किए. इसके बाद भगवान श्रीगणेशजी महाराज को फूल बंगले में विराजमान किया गया.
पुष्य नक्षत्र पर भगवान गणेश के मंदिरों में विशेष पूजा गणपति का ऋतु पुष्पों से हुआ शृंगार: गढ़ गणेश मंदिर में बाल स्वरूप गणपति का अभिषेक कर सिंदूरी चोला धारण कराकर भोग लगाया गया. वहीं चांदपोल स्थित परकोटे वाले गणेश मंदिर, सूरजपोल के सिद्धि विनायक मंदिर, ब्रह्मपुरी स्थित नहर के गणेश और बड़ी चौपड़ स्थित ध्वजाधीश गणेश मंदिर में पंचामृत, फलों के रस और सुगंधित द्रव्यों से अभिषेक किया गया. गणेश जी महाराज का ऋतु पुष्पों से शृंगार कर फूल बंगले में विराजमान कराया गया.
पढ़ें. Bhagwan Jagannath Yatra: रजत रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले भगवान जगन्नाथ, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
पुष्य नक्षत्र को खरीदारी के लिए बहुत उत्तम माना जाता है. आज के दिन घर में नई वस्तुएं खरीदकर ला सकते हैं. वहीं सोना खरीदना भी बहुत शुभ माना जाता है. पुष्य नक्षत्र में कार, अन्य वाहन, भूमि, मकान, गैजेटस, फर्नीचर, किताबें, वस्त्र, भवन निर्माण सामग्री खरीद सकते हैं. साथ ही दान करना भी उत्तम माना जाता है.