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जयपुर: लॉकडाउन में छूट के दायरे बढ़ने के बाद भी मजदूरों के पास नहीं काम, आगे आए वॉरियर्स बांट रहे खाने के पैकेट - Food packet delivery

वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच हुए लॉकडाउन में अब केंद्र सरकार की ओर से बहुत छूट दे दी गई हैं. लेकिन अब देश के श्रमिकों के पास काम नहीं है. ऐसे में राजधानी के कोरोना योद्धाओं की ओर से अब भी खाने के पैकेट का वितरण किया जा रहा है.

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कोरोना योद्धाओं की ओर से अब भी खाने के पैकेट का वितरण

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Published : Jun 2, 2020, 6:40 PM IST

जयपुर.कोरोना महामारी के बीच देश में बीते 24 मार्च से लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. अचानक हुए इस लॉकडाउन से कई दिहाड़ी मजदूर, फुटपाथ और ठेले पर दुकान लगाने वालों पर संकट आ गया था. इस बीच समाज के कुछ ऐसे लोग सामने आए, जिन्होंने मानव धर्म निभाते हुए इन लोगों की मदद का जिम्मा उठाया और इन तक खाने की सामग्री पहुंचाई. इनमें से एक जयपुर के एडवोकेट गिर्राज प्रसाद मेहरा है, जो पत्नी के साथ लोगों तक भोजन पहुंचाने काम कर रहे हैं.

कोरोना योद्धाओं की ओर से अब भी खाने के पैकेट का वितरण

उन्होंने पहले तो जरूरतमंदों को चिन्हित कर उनके परिवारों की सूची तैयार की और फिर हर दिन इन तक भोजन पहुंचाना का कार्य शुरू किया. ये रोजाना जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने का कार्य करते है ताकि कोई भी जरूरतमंद भूखा ना सोए.

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एडवीकेट गिर्राज बताते हैं कि भले ही प्रदेश में लॉकडाउन 5.0 में लोगों को छूट मिल रही हो, लेकिन अभी भी जो महिलाएं घरों में सफाई का काम करती थी और जो पुरुष ठेला लगाकर अपने घर का गुजारा करते थे, उन्हें अब तक रोजगार नहीं मिला है. ऐसे में उन परिवारों के सामने खाने का संकट अभी भी बरकरार है. इसलिए उन्होंने तय किया है कि जब तक यह लोग अपना जीवन सामान्य रूप से नहीं जीने लग जाते हैं और अन्य काम नहीं मिल जाता तब तक वह इसी तरह से इन लोगों तक भोजन के पैकेट पहुंचाते रहेंगे.

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बता दें कि गिर्राज प्रसाद मेहरा के तरह ही सार्थी ग्रुप चिल्ड्रन एजुकेशन सोसायटी के अध्यक्ष संजीव खानीजो भी उन लोगों तक खाद्य सामग्री पहुंचा रहे हैं, जिन्हें अभी भी इसकी जरूरत है. सरकारी नौकरी से रिटायर्ड संजीव अपनी गाड़ी में खाद्य सामग्री के पैकेट लेकर जरूरतमंद लोगों तक पहुंच रहे हैं, ताकि कोई भूखा नहीं सोना पड़े. इसके लिए वे हर दिन 70 से 80 पैकेट खाने के पैकेट बांटते हैं. इसी तरह किशन लाल भी हर दिन लोगों तक खाने के पैकेट पहुंचा रहे हैं.

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