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मजदूरों की मजबूरी : कोरोना पर सरकारी दावे फेल...ना हेल्पलाइन नंबर लगता है, ना खान-पान की सुध

कोरोना के प्रकोप ने मजदूरों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. लॉकडाउन के कारण उनकी रोजी-रोटी पर ब्रेक लग गया है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण मजदूरों ने अपने घरों की ओर पैदल ही कूच कर दिया है. ऐसे में सरकार की मदद के दावे इनके पास पहुंचे या नहीं, ईटीवी भारत पहुंचा जानने.

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सरकारी दावे फेल

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Published : Mar 28, 2020, 5:56 PM IST

Updated : Mar 28, 2020, 7:04 PM IST

जयपुर. कोरोना का कहर अपने चरम पर है. ये वायरस लगातार कई जान अपने आगोश में समेटता जा रहा है. महामारी के इस दौर में केंद्र और राज्य सरकार गरीब तबके के लिए कई बड़ी घोषणाएं कर रही हैं. दावा किया जा रहा है कि हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं. जिन पर फोन करके जरूरतमंद को तुरंत मदद मिल सकती है. ईटीवी भारत की टीम ने इसकी ग्राउंड रियलिटी का जायजा लिया तो सरकारी दावे खोखले साबित हुए. मदद की तलाश में लोग अपने काम वाली जगह को छोड़कर घरों की ओर रुख करते हुए नजर आ रहे हैं. ऐसे में व्यवस्था में लगा प्रशासन और पुलिस वाले भी ड्यूटी के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करते हुए देखे गए.

मजदूरों की मजबूरी

लॉकडाउन के चौथे दिन जयपुर से होकर गुजरने वाले हाई-वे पर बेबस मजदूरों की लंबी कतारों को देखा गया. कोई गुजरात से, तो कोई राजस्थान के किसी जिले से पैदल ही अपने घर की तरफ रुख कर रहा था. सभी की कोशिश थी कि किसी तरह से एक बार अपने घर पहुंच जाएं.

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जहां एक तरफ सरकार कह रही है कि इन मजदूरों के लिए खाने और रहने के इंतजाम किए गए हैं, वहीं दूसरी तरफ ये मजदूर हैं कि इन इंतजामों से पूरी तरह से बेखबर नजर आते हैं. इन लोगों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो पता चला कि उन्हें कारखाना मालिकों ने ना किसी तरह की जानकारी दी है और ना ही कोई सरकारी कारिंदा उन तक पहुंच रहा है. मजदूरों ने कहा कि कौन जाने लॉकडाउन कब तक चलेगा, ऐसे में जब काम ही नहीं तो रोजी-रोटी का जुगाड़ करने घर जाना बेहतर है. बस यही सोच कर कोई 24 घंटे से तो कोई बीते 2 दिन से बस इसी धुन में पैदल चले जा रहा है कि किसी तरह बस घर पहुंच जाए. वहीं रोटी की बात यह है कि जब जहां मिल जाए तो अपना अपना नसीब.

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ईटीवी भारत ने सरकारी हेल्पलाइन 181 और 0141 220 44 75 पर दो-दो बार कॉल कर चेक किया तो हर बार हेल्पलाइन व्यस्त आई. इसके बाद भी पलायन कर रहे इन लोगों की रोटी और स्वास्थ्य जांच का इंतजाम सरकारी स्तर पर करवाने की कई मर्तबा कोशिश की. इसके लिए हेल्पलाइन पर संपर्क किया पर व्यस्तता की कतार इतनी कि जरूरतमंद रुकने से बेहतर आगे बढ़ना ज्यादा अच्छा समझ रहे थे, ताकि जल्द से जल्द अपने बसेरे पर पहुंच जाएं, जो इंतजाम होगा वह ऊपर वाले के भरोसे होगा क्योंकि हुक्मरान और रोजी रोटी देने वालों ने जो वादे किए हैं उन पर अमल होता नजर नहीं आ रहा .

Last Updated : Mar 28, 2020, 7:04 PM IST

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