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"पानी रे पानी तेरा रंग कैसा"...कुछ इस तरह जलदाय विभाग दे रहा कनेक्शन काटने की चेतावनी, जानें पूरा मामला

जलदाय विभाग ने जनता से बकाया वसूली के लिए एक नया तरीका अपनाया है. विभाग सोशल मीडिया के जरिए लोगों को आग्रह कर रहा है.

जलदाय विभाग

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Published : Mar 20, 2019, 10:34 PM IST

पानी का बकाया वसूली के लिए जलदाय विभाग शोर फिल्म के एक पुराने गाने को सुनाकर लोगों से भुगतान की अपील कर रहा है. साथ ही कनेक्शन काटने की चेतावनी भी दी गई है. जलदाय विभाग का यह तरीका सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

जलदाय विभाग

गौरतलब है, प्रदेश में जलदाय विभाग का करोडों का बकाया चल रहा है. विभाग बकाया को वसूली के लिए कनेक्शन काटने की कार्रवाई भी कर रहा है. पिछले दिनों जिन बकायेदारों के 50 हजार रुपये से ज्यादा बकाया था, उनके कनेक्शन काट कर वसूली की कार्रवाई की गई. अभी तक की बात की जाए तो जलदाय विभाग के बकाया के मुकाबले वसूली नाम मात्र की ही हो पाई है.


'शोर' फ़िल्म के गाने पानी रे पानी तेरा रंग कैसा...... के मुखड़े के बाद उपभोक्ताओं को भुगतान की अपील के बाद कनेक्शन काटने की चेतावनी दी जा रही है. गाने में यह कहा गया है कि 'सभी उपभोक्ताओं को सूचित किया जाता है कि जिन के पानी का बिल का भुगतान 500 रुपये से ज्यादा बकाया है, वे जल्द से जल्द अपने पानी के बिल का भुगतान करें अन्यथा आप के पानी की सप्लाई का कनेक्शन काट दिया जाएगा. अगर आप चाहते हैं कि पानी की सप्लाई का कनेक्शन नहीं काटा जाए तो जल्द से जल्द बकाया बिल का भुगतान करें. यदि समय रहते आपने पानी के बिल का भुगतान नहीं किया तो बिना किसी सूचना के आप के पानी का कनेक्शन काट दिया जाएगा.


सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह गाना 1 मिनट 32 सेकंड का है और इसमें उपभोक्ताओं को दो बार चेतावनी दी जा रही है. गाने के बारे में जलदाय विभाग खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है.
जब अतिरिक्त मुख्य अभियंता देवराज सोलंकी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस गाने से जलदाय विभाग का कोई लेना देना नहीं है. जलदाय विभाग ने ऐसा कोई गाना तैयार नहीं करवाया है. उन्होंने यह भी कहा कि जिसने भी यह गाना तैयार किया है वह जलदाय विभाग का शुभचिंतक जरूर है.
आपको बता दें कि जयपुर में जलदाय विभाग का 96 करोड़ रुपये बकाया चल रहा है और वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला है इसलिए जलदाय विभाग ज्यादा सक्रिय है ताकि अधिक से अधिक वसूली की जा सके.

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