जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जिस समर्पण भाव के साथ स्वच्छताकर्मियों एवं नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों ने काम किया है, उससे कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने में हम कामयाब हो सके हैं. कोरोना की जंग में शामिल डॉक्टर्स, नर्सिंगकर्मी, आंगनबाड़ी वर्कर्स और पुलिस सहित सभी की मेहनत से देश में राजस्थान का मान और सम्मान बढ़ा है. उन्होंने आह्वान किया कि आगे भी इसी मनोयोग से कोरोना की लड़ाई में टीम भावना के साथ जुटे रहें.
सीएम अशोक गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों एवं सफाईकर्मियों के साथ संवाद कर रहे थे. प्रदेशभर के 196 नगरीय निकायों के करीब 1600 प्रतिभागी इस कार्यक्रम से सीधे जुड़े. गहलोत ने कहा कि पिछले 4 महीने से राजस्थान कोरोना को नियंत्रित करने में कामयाब रहा है. स्वच्छताकर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर शहर, गली-मोहल्ले और घर-घर को संक्रमण मुक्त रखने में बड़ी भूमिका अदा की है.
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गहलोत ने बताया कि सफाईकर्मियों को मास्क, दस्ताने, सैनिटाइजर सहित अन्य सुरक्षा सामग्री के लिए राज्य सरकार ने एक-एक हजार रुपए उपलब्ध कराए ताकि फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में काम करते हुए वे संक्रमण से बचे रहें. साथ ही राजस्थान पहला राज्य है, जिसने कोरोना की जंग में जुटे हुए सरकारी और गैर-सरकारी कार्मिकों की चिंता करते हुए उन्हें 50 लाख रुपए के बीमा कवर की सुविधा प्रदान की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सभी वर्गों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगों का सहयोग लेकर उनके अनुभवों एवं नवाचारों का उपयोग करते हुए राजस्थान को इस लड़ाई में अग्रणी पायदान पर रखा. गहलोत ने नगर निगमों के महापौर, सभापति, चेयरमैन, पार्षदों आदि जनप्रतिनिधियों से इस दौरान संवाद किया और उनसे सुझाव लिए. मुख्यमंत्री ने सफाई निरीक्षकों, जमादारों सहित अन्य स्वच्छताकर्मियों से सीधा संवाद करते हुए उनके अनुभव जाने और उनसे उनकी समस्याएं पूछी.
सीवरेज में नहीं उतरेंगे सफाईकर्मी
इस दौरान उन्होंने कोरोना के प्रति आमजन में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए 2 पोस्टरों भी विमोचन किया. गहलोत ने सभी जिला कलक्टरों और नगर निकाय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसी भी स्वच्छताकर्मी को सीवरेज की सफाई के लिए चैम्बर में नहीं उतरना पड़े. यह काम पूरी तरह मशीनों से ही करवाया जाए. उन्होंने कहा कि सीवरेज की सफाई के लिए चैम्बर में उतरने से मौत की कोई घटना नहीं होनी चाहिए.