जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज परिवहन विभाग के राजस्थान राज्य पथ परिवहन सेवा (बिना टिकट यात्रा निवारण)( संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों के बाद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास बोलने के लिए उठे तो जमकर हंगामा हो गया.
विधानसभा में हालात ये हुए कि सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा. दरअसल बिल पर विपक्ष के नेताओं के कटाक्ष का जवाब देने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास उठे थे. खाचरियावास ने कहा कि विधानसभा में अगर कोई प्रवेश करे तो उसे विधानसभा में स्पष्ट और सच बात कही जाए, क्योंकि यहां न बोलने या गलत बोलने से मनुष्य पाप का भागीदार बनता है,जो ऊपरवाला देख रहा है.
खाचरियावास और विपक्ष के नेता हुए आमने-सामने प्रताप सिंह ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मुझे दुख है कि सदन के इतने सीनियर सदस्य ने यह कहा कि पूरा दिन खराब हो गया. प्रताप सिंह ने कहा कि एक छोटा सा एक्ट आया, जिस पर बोलते हुए कुछ सदस्यों ने तो कमाल कर दिया, बिना पढ़े बिना सोचे रोडवेज की बात को कहां से कहां ले गए. इस सदन का समय बर्बाद किसने किया. अगर ऐसा ही था तो कटारिया, राजेंद्र राठौड़ और 10 लोग बोल देते.
मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि जब यही भाजपा ढाई साल पहले सत्ता में थी, तो इन्होंने रोडवेज को सुधारने का काम क्यों नहीं किया ? प्रताप सिंह की इन बातों पर विपक्षी दल भाजपा के नेता नाराज हो गए. जोगेश्वर गर्ग ने प्रताप सिंह की टोन गलत होने का आरोप लगाया. तो प्रताप सिंह ने कहा कि जब विपक्षी दल के नेता बोल रहे थे तो क्या इनका टोन ठीक था ? उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास से घबराते हैं, इसलिए बीच-बीच में हंगामा करते हैं.
खाचरियावास ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ को शर्म आनी चाहिए, आप डर क्यों रहे हो ? इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया और राजेंद्र राठौड़ के साथ मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की जमकर बहस हो गई. सदन में शांति करने के लिए सभापति के तौर पर बैठे राजेंद्र पारीक ने मंत्री प्रताप सिंह को बैठने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि मेरा बोलने का नंबर है, पहले आप उन्हें बैठाएं.
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सदन में हंगामे के दौरान खाचरियावास ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जब राजस्थान सरकार ने पैदल चल रहे लोगों को लिये रोडवेज बसों की व्यवस्था की तो योगी सरकार ने उस भले काम के लिए भी मना कर दिया. खाचरियावास ने कहा कि जब भाजपा के नेता गवर्नर से वर्चुअल कांफ्रेंस में यह कह रहे थे कि 201 मिट्रिक टन ऑक्सीजन राजस्थान को कम मिल रही है, और गवर्नर ज्यादा ऑक्सीजन दिलाएं, इनके कहने के बावजूद ऑक्सीजन नहीं दी गई.
खाचरियावास ने कहा इनके तीन-तीन केंद्रीय मंत्री धक्के खाते रहे, लेकिन ऑक्सीजन नहीं मिली. इस पर एक बार फिर सदन में हंगामा हो गया. भाजपा के नेता हंगामा करते हुए वैल में आ गए. जब तमाम प्रयास के बावजूद सदन में शांति नहीं हुई तो सदन की कार्रवाई को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया. इसके बाद जब विधानसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तब भी हंगामा जारी रहा और हंगामे के बीच ही इस बिल को पास कर दिया गया.
इसके बाद जब अगला बिल रखा गया और उस पर बोलने के लिए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ खड़े हुए तो सत्ता पक्ष कांग्रेस के नेताओं ने सदन में जबरदस्त हंगामा कर दिया और यह कहा कि जब आपने हमारे मंत्री को नहीं बोलने दिया तो फिर हम भी आपको नहीं बोलने देंगे. इसके बाद सदन की कार्रवाई दूसरी बार आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई.