जयपुर.एसीबी की तरफ से परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए परिवहन विभाग के 8 अधिकारियों और 7 दलालों को गिरफ्तार किया गया. एसीबी की ओर से ट्रांसपोर्ट विभाग में फैले हुए भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए 4 माह पहले ही परिवहन विभाग के अधिकारियों और दलालों के फोन को सर्विलांस पर लगाया गया. इसके लिए एसीबी के 8 अधिकारियों की एक टीम बनाकर लगातार परिवहन विभाग के अधिकारी और दलाल के बीच होने वाली बातचीत को रिकॉर्ड किया गया.
परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार का खुलासा भ्रष्टाचार के प्रकरण में लिप्त अधिकारियों और दलालों के खिलाफ सबूत इकट्ठा किए गए. वहीं भ्रष्टाचार के इस पूरे प्रकरण में लिप्त जिन अधिकारियों और दलालों की सूचनाएं हाथ लगी उसकी तस्दीक करने के लिए एसीबी के 22 अधिकारियों और कर्मचारियों की एक स्पेशल टीम बनाई गई. हालांकि एसीबी की ओर से एक माह पूर्व ही भ्रष्टाचार के इस खेल का खुलासा कर दिया जाता. लेकिन पंचायत चुनाव के चलते एसीबी के कर्मचारी और अधिकारियों की ड्यूटी चुनाव में लगे होने के कारण कार्रवाई को आगे के लिए टाल दिया गया.
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एसीबी की ओर से प्रकरण में की गई जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि परिवहन विभाग का भ्रष्ट निरीक्षक ट्रांसपोर्टर को डरा धमकाकर 40 हजार रुपए प्रतिमाह बंधी लिया करता था. दलालों की ओर से ट्रांसपोर्टर्स को डराया धमकाया जाता और बंधी की राशि मिलने के बाद ट्रांसपोर्ट को एक विशेष मार्का बना कर दिया जाता. जिसे ट्रांसपोर्टर अपने वाहन पर लगाता और विशेष मार्का को लगा देख कोई भी उस ट्रांसपोर्टर की गाड़ी को कहीं पर भी नहीं रोकता.
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किसी भी प्रकरण में एक साथ इतने लोगों की पहली बार गिरफ्तारी एसीबी की ओर से की गई है. एसीबी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि परिवहन विभाग के अधिकारी दलालों की ओर से दिल्ली जयपुर और अजमेर हाईवे पर चलने वाले ट्रांसपोर्ट से मासिक बंधी वसूला करते. रेवाड़ी के एक दलाल बंटी को भी इस प्रकरण में गिरफ्तार किया गया है. जब एसीबी की टीम बंटी के घर पर दबिश की कार्रवाई को अंजाम देने पहुंची तो इस बात का खुलासा हुआ कि बंटी की पत्नी ममता भी रिश्वतखोरी के इस प्रकरण में लिप्त है. जिस पर एसीबी टीम की ओर से दलाल बंटी की पत्नी ममता को भी भ्रष्टाचार के इस प्रकरण में गिरफ्तार किया गया है.
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परिवहन विभाग में फैले भ्रष्टाचार का खुलासा करने के लिए एसीबी के अधिकारियों की ओर से 100 से अधिक पुलिसकर्मी एक साथ परिवहन विभाग के 8 अधिकारियों और 7 दलालों के घर और दफ्तर पर छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया. भ्रष्टाचार के बड़े खेल का पर्दाफाश करते हुए एसीबी की तरफ से ट्रांसपोर्टर को धमकाकर मासिक बंधी लेने के आरोप में डीटीओ विनय बंसल, डीटीओ महेश शर्मा, इंस्पेक्टर शिवचरण मीणा, उदयवीर सिंह, आलोक बुढ़ानिया, नवीन जैन, रतनलाल और डीटीओ गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही दलाल जसवंत सिंह यादव, बंटी, ममता, मनीष मिश्रा, रणवीर, पवन और विष्णु कौशिक को गिरफ्तार किया गया.
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गिरफ्तार किए गए सभी 15 आरोपियों को देर रात कनकपुरा स्थित मजिस्ट्रेट के आवास पर पेश किया गया जहां से आरोपियों को 3 दिन की रिमांड पर भेजा गया. एसीबी की ओर से इस पूरे प्रकरण में 3 हजार पन्नों की चार्जशीट बनाई गई है. वहीं 15 आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद कागजी कार्रवाई करने में एसीबी अधिकारियों को पूरा 1 दिन का समय लग गया.