जयपुर. प्रदेश के शिक्षा महकमे में होने वाले तबादलों को लेकर हर बार सवाल उठते हैं. इन्हीं सवालों में एक सवाल तबादला नीति से भी जुड़ा हुआ होता है. सरकार चाहे कांग्रेस की हो या बीजेपी की, तबादलों को लेकर लगातार मिलने वाली शिकायतों के बाद भी तबादला नीति को अमलीजामा नहीं पहनाया जाता. हालांकि शुक्रवार को तबादला नीति का ड्राफ्ट तैयार करके उसे सीएस तक पहुंचाया गया है. जिस पर अब तक अप्रूवल नहीं मिला (Transfer Policy of Education Department) है. ऐसे में शिक्षा विभाग में तय गाइडलाइन के अनुरूप ही तबादले किए जाएंगे.
तबादलों के नाम पर भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं. हर बार तबादला नीति पर चर्चा भी होती है, लेकिन इसे अंतिम रूप नहीं दिया जाता है. इस बीच तबादलों का त्यौहार एक बार फिर शुरू हो गया है. शिक्षा विभाग में इसकी चका चौंध भी देखने को मिलने लगी है. वहीं शिक्षा मंत्री के आवास पर विभागीय शिक्षक और(Transfer Policy of Education Department) कर्मचारियों की भीड़ उमड़ी है. हालांकि इस बार भी तबादले बिना नीति के होंगे. शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि शिक्षकों की स्थानांतरण नीति सीएस को भिजवा रखी है. यदि वो अप्रूव हो जाएंगी, तो नीति में तय प्रावधान के अनुसार ट्रांसफर होंगे. ऐसे में तब तक तबादलों को लेकर विभाग में बनी गाइडलाइन्स के आधार पर थर्ड ग्रेड शिक्षकों के ट्रांसफर जिला स्तर पर, वरिष्ठ अध्यापकों के स्थानांतरण डिवीजन स्तर पर और व्याख्याता/हेड मास्टर/ प्रिंसिपल का ट्रांसफर स्टेट लेवल पर किया जाएगा.