राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

खबर का असर: 80 साल की बसंती खंडेलवाल को 'नर्क की जिंदगी' से मिली आजादी

80 साल की बुजुर्ग महिला बसंती खंडेलवाल, जिसे बेटे ने ही ताला बंद करके घर में कैद कर रखा था. देखभाल तो दूर समय पर खाना भी मिलना दुश्वार था. ETV भारत की खबर पर जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने संज्ञान लिया है. मौके पर पहुंच कर SDM ने बुजुर्ग से मुलाकात की.

impact of the ETV BHARAT, SDM ने बेटे-बहू को सेवा के लिए किया पाबंद

By

Published : Sep 25, 2019, 5:59 PM IST

जयपुर.कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने एसडीएम ओम प्रभा को ईटीवी भारत की खबर पर संज्ञान लेते हुए बसंती खंडेलवाल के घर भेजा. एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर पड़ोसियों से मामले की पूरी जानकारी ली. पड़ोसियों ने कहा कि बसंती खंडेलवाल का बेटा गौरीशंकर उनका ध्यान सही तरीके से नहीं कर रहा है और अपनी मां को ताले में बंद करके रखता है. यहां तक कि बेटा अपनी मां का खाने-पीने का भी सही से ख्याल नहीं रखता. पड़ोसियों ने कहा कि जब हम उसकी मां को खाने-पीने के लिए कोई सामान देते हैं तो गौरीशंकर उनसे झगड़ा भी कर लेता है. साथ ही एसडीएम ने बसंती खंडेलवाल की सेवा के लिए एक केयरटेकर रखने की भी बात कही.

ETV भारत की खबर का असर,

वहीं बसंती खंडेलवाल के बेटे गौरीशंकर और बहू ने कहा कि हम लोग यहीं रहते हैं और माता जी की अच्छी तरह देखभाल करते हैं. लेकिन जब एसडीएम ओम प्रभा ने घर का जायजा लिया तो वहां के हालत देख ऐसा नहीं लगा की वह ज्यादा समय घर पर रहते हैं. मौके पर पहुंची एसडीएम ने कहा की बसंती खंडेलवाल का बेटा झूठ बोल रहा है वह यहां नहीं रहता है. बसंती खंडेलवाल पिछले डेढ़ साल से इस तरह नरक की जिंदगी जी रही थी. बसंती खंडेलवाल के बेटे गौरीशंकर और उनकी बहू ने एसडीएम के पहुंचने से पहले ही बसन्ती खंडेलवाल के रहने की जगह की सफाई कर दी. यहां तक की एसडीएम के अंदर पहुंचने से पहले बसंती खड़ेलवाल के गंदे कपड़े भी बदल दिए मौके को देखने से साफ पता लग रहा था कि एसडीएम और पुलिस के पहुंचने से पहले वहां साफ-सफाई की गई है.

ये भी पढ़ें: राजस्‍थान की बेटी 'पायल' को मिला 'चेंजमेकर अवॉर्ड', कैलाश सत्यार्थी ने दी बधाई

बसंती खंडेलवाल से एसडीएम ने बातचीत भी की इस दौरान बसंती रोने लगी. एसडीएम ने बसंती दिलासा दिया कि अब उनका पूरा ध्यान रखा जाएगा. ओम प्रभा ने बताया कि एक बुजुर्ग महिला के बंद होने की सूचना पर वहां आई है और बेटे और बहू को महिला की देखभाल का पूरा इंतजाम करने को कहा गया है उनके मेडिकल, खाना-पीना और रहने आदि की व्यवस्था की जाएगी जहां में रहती है वहां की साफ-सफाई भी प्रतिदिन की जाएगी। इसके अलावा उनके मनोरंजन के लिए रेडियो आदि की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है। एक केयर टेकर की भी व्यवस्था बसंती खंडेलवाल के लिए की जाएगी। समाज और बसंती खंडेलवाल के बेटे और बहू ने कहा है कि बुधवार शाम तक यह पूरी व्यवस्था कर दी जाएगी।

खंडेलवाल समाज भी आया आगे:
एसडीएम ओम प्रभा के बसंती खंडेलवाल के घर पहुंचने के बाद खंडेलवाल समाज के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंचे। कुछ दिनों पहले भी खंडेलवाल समाज ने बसंती खंडेलवाल का ध्यान रखने की जिम्मेदारी ली थी लेकिन अभी तक कोई पहल समाज की ओर से नहीं की गई। समाज ने कहा है कि वे बसंती खंडेलवाल का पूरा ध्यान रखेंगे और यहां सीसीटीवी लगाए जाएंगे। सीसीटीवी को पुलिस, समाज और एनजीओ के लोग वॉच करेंगे ताकि बसंती खंडेलवाल को किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो।

क्या कहना है बेटे गौरीशंकर का:
SDM ओम प्रभा के मौके पर पहुंचने के बाद बसंती खंडेलवाल का बेटा गौरी शंकर ने नाराजगी जताई, लेकिन ओम प्रभा ने उसकी एक भी नहीं सुनी और उसे अपनी मां का देखभाल करने के लिए पाबंद किया. गौरीशंकर ने कहा कि वह अपनी मां का ध्यान रखता है और एसडीएम मैडम के कहने से और अच्छी तरह से ध्यान रखेगा. आगे से मां की देखभाल को लेकर कोई शिकायत उसकी ओर से नहीं मिलेगी.

बसंती खंडेलवाल का कराया जाएगा मेडिकल:
SDM ओम प्रभा ने 80 वर्षीय बसंती खंडेलवाल का मेडिकल कराने के लिए भी कहा है. गौरी शंकर का कहना है कि उसकी मां मानसिक रूप से बीमार है इसलिए वह अपनी मां को बंद रखता है ताकि किसी और को परेशानी ना हो.

पड़ोसियों की रही अहम भूमिका:
बसंती खंडेलवाल को नर्क की जिंदगी से आजादी दिलाने में आस-पड़ोस के लोगों की भी अहम भूमिका रही है. खासकर पड़ोस में रहने वाली महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही. बसंती को जब बेटा खाना नहीं देता था तो पड़ोसी ही उसका ध्यान रखते थे. पड़ोसी उसे खाना चाय-पानी देते थे. पड़ोसियों ने एसडीएम को यह भी कहा कि गौरीशंकर अपनी मां से मारपीट भी करता है इस पर उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी और एक पूरी रिपोर्ट कलेक्टर जगरूप सिंह यादव को सौंपी जाएगी.

NGO ने जोर-शोर से उठाया था मामला:
सर्व समाज महिला उत्थान संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिता मिश्रा ने इस मामले को जोर-शोर से उठाया, इसमें पड़ोस के लोगों ने भी उनका पूरा साथ दिया और बुधवार को कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने इस मामले में संज्ञान लिया. जीवन फाउंडेशन के जुगल चौधरी भी इस मामले में पूरी तरह से शामिल थे. इन्हीं सभी की वजह से बसंती खंडेलवाल को नरक की जिंदगी से आजादी मिली है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details