जयपुर.प्रदेश स्तरीय मानसून पौधारोपण अभियान की शुरुआत वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने झालाना लेपर्ड रिजर्व में रोहिड़ा का पौधा लगाकर किया. मंत्री सुखराम विश्नोई ने खुद पौधारोपण करते हुए तमाम लोगों से आह्वान किया कि प्रदेश में इस मानसून सीजन में ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें, ताकि प्रदेश की हरियाली में इजाफा हो सके. इसके साथ ही प्रदेश में जगह-जगह वन भूमि पर पौधारोपण किया जाएगा.
प्रदेश स्तरीय मानसून पौधारोपण अभियान की हुई शुरुआत आम लोगों के लिए नर्सरी में पौधे होंगे उपलब्ध...
वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने बताया कि प्रदेशभर की नर्सरी में बुधवार से पौधों की रियायती दरों पर बिक्री शुरू कर दी गई है. तमाम लोगों को 125 प्रजातियों के पौधे बिक्री के लिए दिए जाएंगे. ऐसे में सभी लोगों को पौधारोपण के इस महा अभियान में शामिल होना चाहिए, ताकि राजस्थान हरियाली के मामले में भी आगे आ सके.
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मंत्री ने कहा कि हमारी मंशा अधिक नंबर की नहीं है. हम चाहते हैं कि जो पौधे लगे वह मरे नहीं. इसके लिए सभी की जिम्मेदारी तय की गई है. 3 साल तक पौधों की देखरेख करनी होगी. हमारा फोकस ज्यादातर छायादार और फलदार पौधे लगाने पर है, जिससे जंगलों के जीवों को भी फल मिल सके.
पौधारोपण अभियान का शुभारंभ प्रधान मुख्य वन संरक्षक जीवी रेड्डी ने कहा कि इस बार 21 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पौधे लगाए जाएंगे. वन विभाग की ओर से लगाए जा रहे पौधों में मटका विधि का ज्यादा प्रयोग किया जा रहा है. पिछले साल मटका विधि से पौधे लगाने की शुरुआत की गई थी, जिसके नतीजे ठीक होने पर ज्यादातर जगह पर वन विभाग मटका विधि अपनाएगा. पौधे के साथ मटके में पानी भरने से उसमें 7 दिन तक नमी बनी रहती है.
सुखराम विश्नोई ने लगाया रोहिड़ा का पौधा झालाना लेपर्ड रिजर्व क्षेत्र में जूली फ्लोरा के पौधे हटाकर फलदार और छायादार पौधे लगाए गए हैं. जंगल में फलदार और छायादार पौधे लगने से वन्यजीवों के खाने के काम भी आएंगे. वन विभाग की नर्सरियो में भी फलदार, छायादार, आयुर्वेदिक पौधे ज्यादा तैयार किए गए हैं. वहीं प्रदेश की प्रत्येक नर्सरी में 50 हजार से ज्यादा पौधे तैयार किए गए हैं.
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साथ ही उन्होंने बताया कि हम आंकड़ों में विश्वास नहीं करते उतने पौधे लगाए जाएंगे जितनी के फॉरेस्ट के अधिकारी और कर्मचारी देख-रेख कर सकें. पेड़ पौधों की सार संभाल के लिए वन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है. अगर पौधा 3 साल तक जीवित नहीं रहता है, तो जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी.