जयपुर. राजस्थान में 34 दिनों तक चला सियासी महासंग्राम अब समाप्त हो चुका है. चाहे अशोक गहलोत कैंप हो या सचिन पायलट कैंप अब सभी एक जाजम पर आ चुके हैं और मिलकर विधानसभा में बहुमत भी पास कर चुके हैं.
14 जुलाई का दिन शायद राजस्थान के इतिहास में हर किसी को याद रहेगा, जब राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के साथ ही अग्रिम संगठनों यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष, एनएसयूआई के अध्यक्ष और सेवा दल के अध्यक्ष को हटा दिया गया था और उनकी जगह नया अध्यक्ष बना दिया गया था. अब वह बातें इतिहास हो गई, लेकिन इस पूरी कार्रवाई में राजस्थान कांग्रेस पार्टी का एक अग्रिम संगठन पूरी तरीके से बचा रहा और वह था राजस्थान महिला कांग्रेस. महिला कांग्रेस की भी सभी कार्यकारिणियों को गुरुवार को भंग कर दिया गया है.