जयपुर.समाज के कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया को एक टूल की तरह इस्तेमाल कर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और आपसी वैमनस्य फैलाने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोगों पर लगाम लगाने के लिए राजस्थान सरकार ने 7 महीने पहले एसओजी की साइबर विंग टीम को गठित किया था. यह टीम लॉकडाउन के दौरान भी एक्टिव रही.
सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करने वालों पर साइबर विंग की पैनी नजर लॉकडाउन पीरियड में सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एसओजी की साइबर विंग द्वारा पैनी नजर रखी गई. साइबर विंग द्वारा ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत एक्शन लिया गया, जिन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने या आपसी वैमनस्य फैलाने या फिर कोरोना वॉरियर्स को लेकर भ्रामक पोस्ट डालने का काम किया.
लॉकडाउन के दौरान एसओजी की साइबर विंग को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म से संबंधित 321 शिकायतें प्राप्त हुईं. शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए एसओजी द्वारा संबंधित जिला पुलिस के साथ मिलकर या संबंधित जिला पुलिस का सहयोग करते हुए त्वरित कार्रवाई की गई और लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही 17 ऐसे प्रकरण थे, जिसमें सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली पोस्ट डालने वाले लोगों तक पहुंचने के लिए काफी टेक्निकल सहयोग की आवश्यकता थी. ऐसे में एसओजी द्वारा इन 17 प्रकरणों किनएफआईआर दर्ज की गई और साथ ही 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
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एसओजी द्वारा की गई कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सरकारी विभाग से जुड़े हुए लोग भी शामिल हैं. जिनमें गिरदावर तो वहीं विद्युत विभाग से जुड़े हुए कुछ कर्मचारी हैं. एसओजी की साइबर विंग लगातार सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अपनी नजर बनाए हुए हैं और ऐसे लोगों को तुरंत दबोचने का काम कर रही है, जो सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम कर रहे हैं.