जयपुर. राजद्रोह कानून को लेकर प्रदेश के सामाजिक संगठनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सामाजिक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि राजद्रोह कानून का प्रयोग अपने विरोधियों के खिलाफ न करे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2 अप्रैल 2019 को जारी अपनी चुनावी घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि 124 A का दुरुपयोग सरकार द्वारा अपने विरोधियों के विरुद्ध किया जा रहा है. जबकि वर्तमान समय में इस कानून की कोई आवश्यकता नहीं हैं और इसे हटाया जाएगा. हमारी मांग है कि कांग्रेस सरकार अपने घोषणा पत्र मतदातओं को दिये गये वचन की पालना करे और पुलिस को इस धारा के अन्तर्गत कार्रवाई करने से रोके.
सामाजिक कार्यकर्ता कविता श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में देखा गया है कि राजस्थान में सत्ता दल के कुछ विधायक और विपक्षी दल मिलकर कांग्रेस की निर्वाचित सरकार को तथाकथित रूप में गिराने का प्रयास कर रहे हैं. सरकार को अस्थिर करने का यह घिनौना खेल ऐसे समय खेला जा रहा है जबकि प्रदेश कोरोना संक्रमण से ग्रस्त है और सबसे पहले जनता के जीवन एवं स्वास्थ्य की रक्षा पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
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सत्ता की राजनीति को लेकर चल रहे इस घृणित प्रयास के दौर में पीयूसीएल को यह जानकार धक्का पहुंचा है कि राजस्थान सरकार ने 120 B षडयंत्र और 124 A राजद्रोह कानून के अन्तर्गत तीन एफआईआर दर्ज करवाई हैं. ये एफआईआर महेश जोशी मुख्य सचेतक, कांग्रेस पार्टी द्वारा संख्या 47/20 दिनांक 10.07.2020, 48/20 दिनांक 17.07.2020 और 49/2020 दिनांक 17.07.2020 द्वारा SOG थाना, ATS & SOG डिस्ट्रिक्ट में दर्ज की गई है. हमारे लिए यह गंभीर बात है कि राजद्रोह का कानून का उपयोग सरकार अपने विरोधियों के विरुद्ध कर रही है. पीयूसीएल 2011 से लगातार राजद्रोह कानून को निरस्त किये जाने की मांग करती आई है. हजारों लोगों से इसके विरुद्ध हस्ताक्षर एकत्रित कर राष्ट्रपति को भेजे गये हैं. राज्य सभा में भी इसे हटाने की याचिका विचाराधीन है और विभिन्न संसदीय समितियों और विधि आयोगों को भी इस धारा को हटाने के लिए अनेक बार लिखा गया है.
विधायकों के विरुद्ध पहली बार प्रयोग
भारत में यह पहली बार हुआ है कि इसे कानून का दुरुपयोग निर्वाचित विधायकों के विरुद्ध किया जा रहा है. वह भी राजस्थान में. यदि हम कानून के स्तर पर बात कहें तो केदार नाथ सिंह बनाम बिहार (सरकार) 1962 सर्वोच्य न्यायालय एआई 0955 A जिसमें इस कानून की वैधता स्वीकार की गई थी. जिसमें कहा गया है कि इसकी वैधता तभी है जब विरोध के द्वारा हिंसा भड़काई गई हो. यह स्पष्ट है कि राजस्थान में कोई हिंसा नहीं हुई है. अतः यह कानून का सरासर दुरुपयोग है.
यह कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र 2019 के विरूद्ध
कांग्रेस पार्टी ने 2 अप्रैल 2019 को जारी अपनी चुनावी घोषणा पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि 124 A का दुरुपयोग सरकार द्वारा अपने विरोधियों के विरुद्ध किया जा रहा है. जबकि वर्तमान समय में इस कानून की कोई आवश्यकता नहीं हैं और इसे हटाया जाएगा. हमारी मांग है कि कांग्रेस सरकार अपने घोषणा पत्र मतदातओं को दिये गये वचन की पालना करे और पुलिस को इस धारा के अन्तर्गत कार्रवाई करने से रोके.
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