जयपुर. एक कहावत लंबे समय से प्रचलित है "रक्तदान महादान" ताकि रक्तदान करके जरूरतमंद मरीजों की जान बचाई जा सके. हाल ही में कोरोना महामारी के बीच लगातार मरीजों की जान जा रही है. ऐसे में प्लाज्मा थेरेपी काफी कारगर साबित रही है, लेकिन कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हुए मरीज अपना प्लाज्मा डोनेट करने से घबरा रहे हैं. प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मानसिंह अस्पताल में हाल ही में कोरोना पॉजिटिव ऐसे मरीज जो गंभीर अवस्था में है या फिर वेंटीलेटर या आईसीयू में भर्ती है उन्हें प्लाज्मा थेरेपी दी गई. साथ ही प्लाज्मा थेरेपी 100% कारगर रही.
आंकड़ों की बात करें तो अभी तक सवाई मानसिंह अस्पताल में करीब 47 ऐसे मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई है जो कोरोना के चलते जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे थे ऐसे में सभी मरीज प्लाज्मा थेरेपी के बाद एकदम स्वस्थ हो गए. ऐसे में अस्पताल में एक प्लाज्मा बैंक की स्थापना भी की जा रही है ताकि इस तरह के मरीजों की जान बचाई जा सके, लेकिन ऐसे मरीज जो कोरोना को मात देकर स्वस्थ हुए हैं वो अपना प्लाज्मा डोनेट करने से घबरा रहे हैं.
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सवाई मानसिंह अस्पताल कि सीनियर प्रोफेसर और ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉक्टर सुनीता बुंदूस का कहना है कि जल्द ही अस्पताल में प्लाज्मा बैंक की शुरुआत की जा रही है, लेकिन प्लाज्मा डोनेट करने के लिए हमें उन लोगों की जरूरत है जो कोरोना पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके हैं. अस्पताल के स्तर पर भी इन लोगों की एक लिस्ट बनाई गई है और ऐसे लोगों की काउंसलिंग भी की जा रही है, लेकिन लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और उन्हें लगता है कि यदि प्लाज्मा डोनेट किया तो उनके शरीर से एंटीबॉडीज कम हो जाएगी.
इसे लेकर डॉक्टर सुनीता ने कहा कि यदि शरीर में एक बार एंटीबॉडीज तैयार हो जाती है और प्लाज्मा के द्वारा उसे डोनेट किया जाता है तो शरीर में किसी तरह का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि इस तरह के लोग सामने आएं और अपना प्लाज्मा डोनेट करें.
कौन कर सकता है कोविड-19 प्लाज्मा डोनेट:
- ऐसे मरीज जिनकी उम्र 18 से अधिक और 60 साल से कम हो
- आरटीपीसीआर द्वारा कंफर्म कोविड-19 पॉजिटिव जांच और कम से कम बुखार खांसी के लक्षण आए हो
- पुरुष और अविवाहित महिला जिसका वजन 55 किलो से अधिक हो
- कम से कम 28 दिनों से पहले दानदाता पूर्ण रूप से लक्षण मुक्त हो गया हो या कम से कम 14 दिन पहले कोविड-19 के लिए आरटी पीसीआर द्वारा 2 जांच 24 घंटे के अंदर हुई हो.
सिर्फ 20 लोगों ने दी रजामंदी
जयपुर में लगभग 4,500 से अधिक अभी तक कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं जिसमें से करीब 3,591 मरीज पूर्ण रूप से कोरोना मुक्त हो चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद महज 20 लोगों ने ही प्लाज्मा डोनेट करने की रजामंदी दी है. ऐसे में यदि पॉजिटिव से नेगेटिव हुए मरीज प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे नहीं आते हैं तो प्लाज्मा थेरेपी काफी मुश्किल हो जाएगी.