जयपुर.भाजपा नेताओं में अगले सीएम के चेहरे को लेकर चल रही सियासी चर्चाओं के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया का बड़ा बयान (Satish Poonia big statement on CM face) सामने आया है. पूनिया ने कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं है और हम सब संसदीय बोर्ड और पार्टी के अनुशासन से बंधे हैं. ऐसे में जो निर्णय बोर्ड करेगा हम सब उसकी पालना करेंगे. पूनिया ने राष्ट्रपति पद पर द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति पद पर जगदीप धनखड़ के प्रत्याशी चयन को भी देश व प्रदेश की दृष्टि से फैसला बताया. जयपुर में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान सतीश पूनिया ने यह बात कही.
पूनिया ने कहा कि जहां तक चुनाव में लीडरशिप का सवाल है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और काम के आधार पर ही चुनाव लड़ा जाएगा. हाल ही में राजस्थान से जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए प्रत्याशी बनाए जाने के बाद एक बार फिर राजस्थान के सियासी गलियारों में एक नई चर्चा शुरू हुई थी लेकिन पूनिया ने इस बयान से उन चर्चाओं पर विराम लगाने का प्रयास किया है. यह भी साफ कर दिया कि पार्टी में संसदीय बोर्ड सर्वोपरि है और जो निर्णय बोर्ड का होगा उसे सब मानेंगे और पालना भी करेंगे.
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मुर्मू के निर्वाचन का करेंगे सेलिब्रेशन,आदिवासी समाज की रहेगी ये भूमिका
राष्ट्रपति पद पर द्रौपदी मुर्मू का निर्वाचन 21 जुलाई को मतगणना के बाद हो जाएगा. एनडीए प्रत्याशी जीतती हैं तो भाजपा प्रदेश के सभी जिलों खास तौर पर आदिवासी और जनजाति क्षेत्रों में इसका सेलिब्रेशन करेगी. इसके लिए धन्यवाद कार्यक्रम भी होंगे जिसमें भाजपा के साथ अन्य आदिवासी समाज और संगठनों की ओर से यह आयोजन होंगे. इसके बाद भी बीजेपी अलग-अलग कड़ी में आदिवासी क्षेत्रों में इस तरह के कार्यक्रम कर आदिवासियों को भाजपा के पक्ष में जोड़ने का काम करेंगे. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि मुर्मू को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद आदिवासी समाज में आत्मविश्वास और भरोसा बढ़ा है और यही एनडीए प्रधानमंत्री जी और लोकतंत्र की खूबी है.
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धनखड़ के चयन से प्रदेश और किसान गौरवान्वित
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने कहा कि उपराष्ट्रपति पद पर जगदीप धनखड़ किसान परिवार से हैं और उससे भी बढ़कर ये कि वह एक अच्छे अधिवक्ता हैं. उनका चयन प्रदेश और किसानों के लिए गौरवान्वित करने वाला होगा. पूनिया ने कहा कि धनखड़ ने साबित कर दिया कि राज्यपाल का पद रबड़ स्टैंप नहीं होता बल्कि उससे भी कहीं अधिक होता है.
अवैध खनन से नाराज संत विजय दास के आत्मदाह के प्रयास ने खोली सरकार की हठधर्मिता की पोल-पूनिया
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ब्रज के कामा क्षेत्र में पिछले 551 दिनों से अवैध खनन को लेकर चल रहे साधु संत समाज के आंदोलन पर भी प्रतिक्रिया दी. पूनिया ने कहा कि साधु-संतों की मांग के बाद सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद अब तक समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया जिसकी परिणति एक साधु की आत्मदाह की कोशिश के रूप में हुई. पूनिया ने कहा विजय दास महाराज के आत्मदाह की कोशिश ने राजस्थान सरकार की हठधर्मिता की और मुद्दों के समाधान नहीं करने की पोल खोल दी. पूनिया ने इसे राजस्थान के लिए शर्मनाक बताया और कहा कि प्रदेश सरकार की हठधर्मिता का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है कि 27 जनवरी 2005 में अवैध खनन पर रोक लगा दी गई, इसके बावजूद खनन जारी है.