जयपुर. ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव और जयपुर के नोडल अधिकारी बनाए गए अजिताभ शर्मा ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में जिला प्रशासन और चिकित्सा अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक ली. अजिताभ शर्मा ने रामगंज क्षेत्र के लिए सघन स्क्रीनिंग और सैंपलिंग पर जोर देते हुए कहा कि रामगंज के संपूर्ण प्रभावित क्षेत्र में क्लस्टर बनाकर रैंडम सैंपलिंग के तरीके से कम से कम 2000 सैंपल लिए जाएं.
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प्रमुख शासन सचिव ने रामगंज क्षेत्र में सैंपल के लिए मुंबई मॉडल पर सैंपलिंग वैन की संभावना तलाशने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए. अजिताभ शर्मा ने रामगंज और पूरे परकोटा क्षेत्र में स्क्रीनिंग की गुणवत्ता को और पुख्ता करने के निर्देश देते हुए स्क्रीनिंग करने वाले सभी टीमों और इस कार्य में लगे प्रशासनिक अधिकारियों की काउंसलिंग के भी निर्देश भी दिए. अजिताभ शर्मा ने कहा कि परकोटे के बाहर भी जहां पॉजिटिव केस सामने आए हैं, उनके आस-पास भी ज्यादा से ज्यादा संख्या में सैैंपलिंग और गुणवत्ता के साथ की जाए.
साथ ही उन्होंने कहा कि जयपुर में कोरोना के प्रसार पर नियंत्रण के लिए बाहरी क्षेत्र में पॉजिटिव से निगेटिव हो चुके व्यक्तियों के सेकेंडरी कांटेक्ट में आने वाले लोगो की भी 100 फीसदी सैंपलिंग करवाई जाए और ये पुख्ता कर लिया जाए कि वहां संक्रमण प्रसार का कोई खतरा अब नहीं है, चाहे उनमें लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हो.
क्वारेंटाइन प्रोटोकॉल की हो पालना...
प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने बताया कि जयपुर में निम्स के क्वारेंटाइन सेंटर से क्वारेंटाइन किए गए कई व्यक्तियों को अलग-अलग जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है, जिससे क्वारेंटाइन के प्रोटोकॉल की पूर्ण पालना की जा सके. उन्होंने क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में पर्याप्त संख्या में ऐसे शैक्षणिक संस्थानों के हॉस्टल, होटल और धर्मशालाओं आदि को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए, जिनमें हर कक्ष के साथ एक अटैच लेट-बॉथ हो. यहां खाने, प्रबंधन, पुलिस और सैनिटाइजेशन की पूर्व निर्धारित व्यवस्थाएं जल्द हो सकें.
'रेडी-टू-गो' स्थिति के लिए कोविड हॉस्पिटल्स...
प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कोविड-हॉस्पिटल्स के रूप में शहर के हॉस्पिटल्स का चिन्हीकरण, सूचीकरण और उनकी बेड संख्या का आकलन करने के निर्देश दिए. इन हॉस्पिटल्स को भविष्य में ऐसे व्यक्तियों के लिए आपात स्थिति में काम में लिया जा सकेगा,जिनको क्रिटिकल केयर की जरूरत पड़ेगी. शर्मा ने इन हॉस्पिटल्स का चयन कर इन्हें 'रेडी-टू-गो' स्थिति में रखने के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए.