जयपुर. राजस्थान के इतिहास के सबसे लंबे समय से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन पायलट को अब पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है. साथ ही उन्हें उपमुख्यमंत्री पद से भी बर्खास्त कर दिया गया है. इस पूरे प्रकरण के बाद सचिन पायलट ने अपना ट्वीट करते हुए यह लिखा है कि सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं.
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सचिन पायलट ने अपने ट्विटर अकाउंट से उप मुख्यमंत्री पद और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष की जगह टोंक से विधायक और पूर्व मंत्री कर दिया है. यानी कि सचिन पायलट ने ही स्वीकार कर लिया है कि वह अब न तो प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और ना ही उपमुख्यमंत्री हैं, लेकिन अब भी वह खुद को टोंक विधायक बता रहे हैं. मतलब साफ है कि वह अभी पार्टी छोड़ने के मूड में बिल्कुल नहीं हैं. जानकारों की मानें तो अब उन्होंने यह मन बना लिया है कि वह खुद पार्टी नहीं छोड़ेंगे, बल्कि पार्टी उन्हें निष्कासित करे, इसी बात का वह इंतजार करेंगे.
अशोक गहलोत कौन होते हैं मुझे हटाने वाले, मैं चुनाव जीतकर यूथ कांग्रेस अध्यक्ष बना: मुकेश भाकर
सचिन पायलट ने भले ही अपने टि्वटर अकाउंट से खुद को उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद हटा लिए हैं, लेकिन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष मुकेश भाकर ने ऐसा नहीं किया है. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर अब भी यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष लिख रखा है. वहीं उन्होंने यह ट्वीट भी किया है कि मैं चुनाव जीतकर यूथ कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना हूं. अशोक गहलोत कौन होते हैं मुझे हटाने वाले. अशोक गहलोत और उनके मंत्री विधायक तो पहले ही एक किसान फौजी के बेटे को हराने में लगे हुए हैं.