जयपुर.कोरोना का खौफ दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. देश के कई राज्यों में छात्रावास खाली करा दिए गए हैं. आरयू के हॉस्टलों में रह रहे अधिकांश विद्यार्थी भी हॉस्टल छोड़ घर की तरफ पलायन कर चुके हैं. जहां 70 से 100 छात्र हॉस्टल में रहते थे. वहां वर्तमान में एक तिहाई भी नहीं बचे.
विश्वविद्यालय प्रशासन हॉस्टल के छात्रों के प्रति नहीं गंभीर राजस्थान विश्वविद्यालय का भी कुछ ऐसा ही हाल है. यहां के छात्रावासों में भी छात्रों की संख्या में कमी आई है. वर्तमान में वो ही छात्र यहां रुके हुए हैं, जिनकी परीक्षाएं चल रही हैं. इस बीच ईटीवी भारत विश्वविद्यालय कैंपस में स्थित डीबीएन हॉस्टल का जायजा लेने पहुंचा, तो यहां स्थिति काफी गंभीर नजर आई. यहां छात्रों के सुरक्षा के किसी तरह के इंतजाम विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से नहीं किए गए और न तो छात्रों के लिए सैनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था की गई.
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यहां तक कि यहां काम करने वाले कर्मचारी और मेस में खाना बनाने वाले रसोइयों तक ने दस्ताने और मास्क नहीं पहन रखे थे. इसे लेकर छात्रों में भी रोष नजर आया. छात्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने न तो यहां किसी तरह का छिड़काव कराया और न ही बाहर से आने वाले छात्रों के लिए मेडिकल चेकअप किया जा रहा है.
राजस्थान के अलावा दूसरे राज्यों के भी सैकड़ों छात्र अध्ययनरत यही नहीं छात्रों को मास्क और सैनिटाइजर भी अपने स्तर पर ही खरीदना पड़ रहा है. वहीं इस दौरान हॉस्टल पहुंचे छात्र संघ महासचिव महावीर गुर्जर ने बताया कि हॉस्टल में कोरोना वायरस से बचाव और रोकथाम के लिए उचित व्यवस्था करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखा गया है. साथ ही कैंपस में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करने की भी मांग की है.
हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को संक्रमण से बचने के लिए एहतियातन नाश्ता और भोजन समूह में न करने की एडवाइजरी जारी की है. लेकिन हॉस्टल में रह रहे छात्रों के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह गंभीर नहीं है.