जयपुर. प्रदेश की सरकार आमजन को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के मकसद से राइट टू हेल्थ बिल लेकर आई है. लेकिन अब इस बिल के विरोध में निजी अस्पताल के चिकित्सक उतर गए हैं. जिसके बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और जयपुर मेडिकल एसोसिएशन की ओर से इस बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन किया (Right to health bill opposed by private hospitals) गया. एसोसिएशन का कहना है कि इस बिल को लाने से पहले सरकार को एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से बात करनी चाहिए थी. लेकिन ना तो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और ना ही जयपुर मेडिकल एसोसिएशन की ओर से किसी प्रतिनिधि को शामिल किया गया.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले निजी डॉक्टर्स और प्राइवेट अस्पतालों के संचालक स्टेच्यू सर्किल पर एकत्रित हुए और इस बिल का विरोध किया. इस मौके पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ रजनीश शर्मा ने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार आमजन को बेहतर इलाज उपलब्ध करवाए, लेकिन सरकार की ओर से जो राइट टू हेल्थ बिल लाया गया है. इस बिल को लेकर सरकार ने किसी भी प्राइवेट अस्पताल या अस्पताल एसोसिएशन के साथ चर्चा नहीं की. जबकि सर्विस प्रोवाइडर में निजी अस्पतालों को भी रखा गया है. ऐसे में इस कानून से मरीज के साथ-साथ चिकित्सक भी परेशान होंगे.
पढ़ें:विधानसभा में आज पारित होगा Right To Health Bill, शिकायत निवारण सिस्टम होगा विकसित
डॉ रजनीश का कहना है कि इस बिल में कहा गया है कि कोई भी अस्पताल मरीज को इलाज देने से मना नहीं कर सकता. लेकिन किन अस्पतालों को इस बिल के दायरे में लाया जाएगा. इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं है. क्योंकि पेट का डॉक्टर सिर का इलाज नहीं कर सकता. इसके अलावा एसोसिएशन का यह भी कहना है कि कोई भी प्राइवेट अस्पताल निशुल्क इलाज नहीं कर सकता. इसके लिए सरकार ने सरकारी अस्पताल खोल रखे हैं.