जयपुर. औषधि नियंत्रक दल ने जयपुर के बड़े अस्पतालों के मेडिकल स्टोर्स पर कई अनियमितताएं पाए. ऐसे में इन स्टोर्स का लाइसेंस 2 से 15 दिनों के लिए दंड स्वरूप निलंबित कर दिया है.
औषधि नियंत्रक राजाराम शर्मा ने बताया कि शहर में दवाओं की कालाबाजारी और दवाओं के मनमाने दामों पर बेचने के मामलों पर दल की ओर से प्रतिदिन कार्रवाई की जा रही है. इसी कड़ी में जवाहर सर्किल स्थित इटरनल हैल्थ केयर सेंटर एंड रिसर्च हॉस्पीटल, गोपालपुरा बायपास स्थित रूकमणी बिरला हॉस्पीटल, मानसरोवर के मेट्रो मास हॉस्पीटल, विद्याधर नगर स्थित मणिपाल हास्पीटल में स्थित मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया गया.
उन्होंने बताया कि इन अस्पतालों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन का मरीजों को बेचान राज्य सरकार की ओर से निर्धारित दरों से अधिक कीमत पर किए जाने और अन्य अनियमितताएं पाये जाने के कारण इन मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस कुछ दिनों के लिए निलंबित किया गया है.
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सहायक औषध नियंत्रक दिनेश तनेजा ने बताया कि इसी तरह सीकेएस लाइफ केयर, सांगानेर के डीएस फार्मा और लाइफलाइन मेडिकोज, जेएलएन मार्ग के सूर्या एंटरप्राइजेज, मालवीय नगर के भाग्यश्री मेडिकोज एंड प्रोविजन स्टोर, 22 गोदाम स्थित ओमशिव मेडिकल एंड डिपार्टमेंटल स्टोर, नेहरू बाजार स्थित लाइफ सेवर स्टोर और मुरलीपुरा स्थित श्री नारायण मेडिकल एंड डिपार्टमेंटल स्टोर पर टीम ने बोगस ग्राहक भेजा था.
इन स्टोर्स पर बिना चिकित्सकीय परामर्श के कोरोना के इलाज की दवाइयां बिना चिकित्सीय परामर्श पत्र के बेचने और बिना बिल के एवं रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की अनुपस्थिति में दवा बेचना पाया गया. इसके अलावा कोरोना में काम आने वाले उपकरण, मास्क आदि की मनमानी कीमतें वसूलना इस प्रकार की अनियमितताएं पाई गई.
चौमूं के निजी अस्पताल पर भी कार्रवाई
औषधि नियंत्रक टीम ने चौमूं के एक अस्पताल पर भी कार्रवाई की. जांच के दौरान अस्पताल का फार्मेसी की ओर से रेमडेसिविर इंजेक्शन तय कीमत से ज्यादा दाम पर बेचने का मामला सामने आया. यहां पल्स ऑक्सीमीटर भी बिना एमआरपी और बिना निर्माण संबंधी सूचना के बेचे जा रहे थे. बिना बिल के प्रतिबंधित दवा ऑक्सीटॉसिन भी यहां बिकती पाई गई. इसके अलावा भी कई अनियमितताएं पाई गई. ऐसे में टीम ने सारा रिकॉर्ड जब्त कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है.