जयपुर.अयोध्या में विवादास्पद जमीन पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सर्व धर्मगुरुओं ने पिंकसिटी प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता के दौरान धर्मगुरुओं ने लोगों से प्रेम और सद्भावना बनाए रखने की अपील की. धर्मगुरुओं ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सर्वोपरि है और इस फैसले को किसी की जीत या हार के रूप में नहीं देखना चाहिए.
अयोध्या फैसले का सर्व धर्मगुरुओं ने किया स्वागत जमाते इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलीम इंजीनियर ने कहा कि शनिवार को कोर्ट में जो भी फैसला आया है, उसे सर्वसम्मति से मानना चाहिए और भाईचारा बनाए रखना हमारा पहला काम है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से कोई संतुष्ट है तो कोई नहीं, लेकिन फैसले से पहले भी मुस्लिम समाज ने लोगों से अपील कर रहा था कि न्यायपालिका का जो भी फैसला आए देश में अमन चैन बना रहे. उन्होंने कहा कि हमें न्यायपालिका के फैसले पर विश्वास है.
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सर्व ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने कहा कि फैसला 14 नंवबर तक आने वाला था, इसलिए सभी धर्म गुरुओं ने 11 नंवबर को सद्भावना रैली निकालने का आयोजन था. लेकिन फैसला आज आ चुका है तो सद्भावना रैली अब धन्यवाद के रूप में निकाली जाएगी. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने बहुत अच्छा फैसला सुनाया है. न्यायालय के अनुसार मंदिर भी बनेगा और मस्जिद भी ऐतिहासिक फैसला है. सभी लोगों से पहले भी कहा गया था कि फैसला जो भी आएगा उसका स्वागत करेंगे.
शांति समिति के सदस्य कर रहे सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील
अयोध्या मंदिर विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शहर में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी गश्त कर रहे हैं. वही शांति समिति के सदस्य भी गली-गली घूमकर लोगों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की अपील कर रहे हैं.
शांति समिति के सदस्य कर रहे सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील जयपुर के सबसे संवेदनशील इलाके रामगंज में भी शांति समिति के सदस्य सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए गली-गली घूमकर लोगों से अपील कर रहे हैं. यहां शांति समिति के सदस्य सामाजिक सद्भाव और सौहार्द बनाए रखने के लिए नजीर साबित हो रहे हैं. शांति समिति के सदस्य एक दूसरे के गले लग कर शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं. साथ ही इन सदस्यों ने अयोध्या मसले को राजनेताओं की राजनीति करने का एक मुद्दा बताया है.
उन्होंने कहा कि मंदिर-मस्जिद विवाद से लोगों को कोई लेना देना नहीं है. सभी लोगों को मिलकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए फैसले का सम्मान करना चाहिए और विश्व में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे की मिसाल माने जाने वाले भारत देश में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए. जिससे भारत में अमन-चैन कायम रह सके और देश तरक्की की राह पर आगे बढ़ सके.
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शांति समिति के सदस्य रामजी लाल शर्मा ने बताया कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद मामले से सभी लोग दुखी हो रहे थे. हर आमजन यही चाहता था कि जो फैसला न्यायपालिका देगी उसका सम्मान किया जाएगा. सभी समाज के लोग आपसी भाईचारे के साथ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान ही ऐसा देश है जहां पर सात कौम का भाईचारा है. ऐसे विवाद तो केवल वोट की लड़ाई है जो राजनीतिक पार्टियां करती रहती हैं.
शांति समिति के सदस्य अब्दुल अलीम ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वमान्य है, हम इसका सम्मान करते हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकारते हुए सभी लोगों को एक दूसरे के साथ मिल-झुलकर रहना चाहिए.