जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राज्यपाल और राजभवन से जुड़ा बयान सामने आने के बाद भाजपा नेता भी अब हमलावर रुख अख्तियार करने लगे हैं. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री के बयान की निंदा करते हुए कहा कि राजस्थान के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब मुख्यमंत्री ने धमकी भरी भाषा में राज्यपाल को संबोधित करते हुए राजभवन को घेरने तक की बात कह डाली.
राजेंद्र राठौड़ ने सीएम गहलोत पर साधा निशाना जयपुर भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राज्यपाल किसी भी प्रदेश का संवैधानिक प्रमुख होता है और उनके लिए इस तरह की धमकी भरी भाषा का प्रयोग सारी संसदीय नियमों और परंपराओं का मखौल है.
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने ही झगड़े के कारण कभी भारतीय जनता पार्टी तो कभी राजभवन की तरफ उंगली उठाते हैं जो बेहद शर्मनाक है. इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है.
हमारी समझ से परे है कि राज्यपाल ऐसा क्यों कर रहे हैं...
वहीं, हाईकोर्ट के निर्णय के बाद सीएम अशोक गहलोत ने पीसी कर राज्यपाल कलराज मिश्र को निशाने पर लिया. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमने राज्यपाल कलराज मिश्र से यह निवेदन किया था कि वह असेंबली का सेशन बुलाएं, जिसमें कोरोना की स्थितियां, लॉकडाउन और प्रदेश के राजनीतिक हालातों को लेकर चर्चा की जाएगी. हमें उम्मीद थी कि राज्यपाल इसके आदेश जारी कर देंगे, लेकिन रात भर इंतजार के बावजूद अब तक राजभवन से आदेश नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारी समझ से परे है कि राज्यपाल ऐसा क्यों कर रहे हैं.