जयपुर. देश का किसान कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में धरना प्रदर्शन कर रहा है. अब कांग्रेस पार्टी भी खुलकर किसानों के पक्ष में आ गई है जहां राजस्थान के नेता दिल्ली जाकर इन आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं. अब राजस्थान के सेवा दल ने यह तय किया है कि किसान आंदोलन में धरने पर बैठे अन्नदाताओं को किसी तरह की कमी से न जूझना पड़े, इसके लिए वह प्रदेश में किसान संघर्ष यात्रा निकालेंगे.
किसान संघर्ष यात्रा निकालकर किसानों के लिए जरूरी सामान जुटाएगा सेवा दल इस संघर्ष यात्रा के जरिए किसानों के लिए राजस्थान का समर्थन तो जुटाया जाएगा ही आंदोलन में किसी चीज की कमी ना हो, इसके लिए भामाशाहों से धरने पर बैठे कृषकों के लिए खाने-पीने के सामान जैसे आटा, दाल, चावल आदि सामग्री इकट्ठे किए जाएंगे, ताकि लंबे समय से चल रहे किसानों के आंदोलन में किसी चीज की कमी ना हो.
राजस्थान सेवा दल 28 दिसंबर से प्रदेश में किसान संघर्ष यात्रा शुरू करने जा रहा है. राजधानी जयपुर शुरू होने वाली यह यात्रा अलवर, करौली, टोंक, बारां, कोटा, उदयपुर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, जालोर, जैसलमेर, अजमेर, बीकानेर, चूरू और सीकर के अलग-अलग जिलों में होते हुए वापस 11 जनवरी को जयपुर के सेवादल मुख्यालय पर समाप्त होगी.
राजस्थान के सेवादल अध्यक्ष हेम सिंह ने कहा कि सेवादल इस किसान संघर्ष यात्रा के जरिए प्रदेश के हर क्षेत्र में जाएगी और हर भामाशाह और राणा प्रताप रूपी जनता से किसानों के लिए समर्थन मांगेगी. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अभी लंबा चल सकता है और उन्हें किसी चीज की कमी ना हो, इसके लिए राजस्थान के भामाशाह से इस संघर्ष यात्रा के जरिए किसान आंदोलन के लिए जरूरी सामग्री खाने पीने का सामान, जिसमें आटा, दाल, तेल, चीनी सब इकट्ठा करके किसान आंदोलन में पहुंचाया जाएगा.
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वहीं, इस किसान संघर्ष यात्रा के जरिए राजस्थान की अलग-अलग जगह की मिट्टी और पानी को सिंबॉलिक तौर पर आंदोलन स्थल पर इसलिए लेकर जाया जाएगा, ताकि यह बताया जा सके कि राजस्थान की जनता उस अन्नदाता के साथ खड़ी है, जो हमारे लिए संघर्ष करता है. इसके साथ ही जो मिट्टी और पानी राजस्थान से ले जाया जाएगा, उसके जरिए संदेश दिया जाएगा कि किसानों के स्वाभिमान और सम्मान की जीत के लिए राजस्थान भी साथ खड़ा है.