जयपुर. केंद्र सरकार ने कोरोना को लेकर 10 राज्यों की ओर से कोरोना की रोकथाम के लिए किए गए कार्य को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें राजस्थान हर इंडेक्स में पहले पायदान पर रहा है. इसके तहत केंद्र सरकार ने एक्टिव केसेज, रिकवर केसेज, मृत्यु दर सहित कोरोना की रोकथाम के सभी क्षेत्रों को लेकर रिपोर्ट जारी की है.
प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा, कि मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से की गई माइक्रो प्लानिंग, प्रदेशवासियों की सजगता और सावधानी के चलते ही यह संभव हो पाया है. उन्होंने बताया कि पूरे देश में 35 लाख टेस्ट हुए हैं और अकेले राजस्थान में 4 लाख टेस्ट किए जा चुके हैं. सवाई मान सिंह अस्पताल में 1 लाख 10 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं. प्रदेश में 18 दिनों में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो रही है, जबकि देश में यह दर 12 दिन है. इसके कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमण का ग्राफ नीचे जा रहा है.
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चिकित्सा मंत्री ने बताया, प्रदेश में मृत्युदर 2.16 है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का ही विजन था कि जिस प्रदेश में जीरो टेस्टिंग थी, वहां आज 18 हजार 250 टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है. जल्द ही 25 हजार के लक्ष्य को भी अर्जित कर लिया जाएगा.
सरकार की माइक्रो प्लानिंग के कारण गांवों में नहीं फैला कोरोना
मंत्री ने कहा कि सरकार ने होम, इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन सेंटर, कोविड केयर सेंटर, कोविड डेडिकेटेड अस्पताल जैसी व्यवस्थाओं से संक्रमितों की तादात को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश की संस्थागत क्वॉरेंटाइन सुविधा अव्वल दर्जे की रही है. ग्राम, उपखंड और जिला स्तर पर कमेटी बनाकर जो माइक्रो लेवल पर काम किया, उसी का नतीजा रहा कि 11 लाख लोग अहमदाबाद, सूरत, मुंबई के अन्य संक्रमित हिस्सों से गांवों में आए लेकिन संक्रमण उतना नहीं फैल पाया.
रिकवरी दर करीब 67 फीसदी
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि राज्य में पहले कोरोना केसेज का ग्राफ बढ़ गया था, लेकिन अब यह नीचे आ रहा है और मौजूदा समय में मरीजों के रिकवर होने का प्रतिशत भी 67 हो चुका है. प्रदेश में अब लोगों की सावधानी की वजह से संक्रमण बढ़ नहीं रहा है. अब ग्रामीणों में भी कोरोना को लेकर जागरूकता आने लगी है.
अब अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर फोकस
डॉ. शर्मा ने कहा कि अब प्रदेश में राष्ट्रीय कार्यक्रम, टीकाकरण, मातृ-शिशु, कैंसर रोकथाम और अन्य कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बीमारियों के उपचार के लिए प्रदेश में 550 मोबाइल ओपीडी वैन चलाई गई है. इसके अलावा आमजन को घर बैठे ऑनलाइन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ई-संजीवनी पोर्टल शुरू किया है, जहां हजारों लोग सीधे या ई-मित्र के जरिए परामर्श और उपचार ले चुके हैं.