जयपुर. प्रदेश की 3 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बीच राजनीतिक दल के नेताओं के बीच जुबानी जंग चरम पर पहुंच चुकी है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया तीनों सीटों पर जीत का दावा करते हैं और यह भी कहते हैं कि अमूमन सरकार के खिलाफ 5 साल के अंत में एंटी इनकंबेंसी दिखने लगती है, लेकिन प्रदेश सरकार के खिलाफ अभी से जनाक्रोश साफ तौर पर दिखने लगा है. उन्होंने कहा कि इसका फायदा इस चुनाव में भाजपा को भी मिलेगा.
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पितलिया कर सकते हैं प्रचार
पूनिया ने सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के पक्ष में नाम वापस लेने वाले लादूलाल पितलिया को मिले चिकित्सा विभाग के नोटिस मामले में कहा कि गहलोत सरकार ने यह सब जानबूझकर किया. लेकिन, आप नियमों के आधार पर 15 दिन क्वॉरेंटाइन का नोटिस तो दे सकते हैं लेकिन आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव आने पर आप किसी को चुनाव प्रचार करने से नहीं रोक सकते हैं. पूनिया ने कहा कि लादूलाल पितलिया अपने काम में जुटे हुए हैं और हमें प्रदेश सरकार के अगले कदम का इंतजार है. उसके बाद हम अपनी रणनीति का खुलासा करेंगे.
हां गब्बर सिंह का डर तो दिख ही रहा है...
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की ओर से हाल ही में अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को गब्बर सिंह बताने से जुड़े बयान पर पलटवार करते हुए सतीश पूनिया ने कहा कि हां अब यह डर तो सबको ही लगने लगा है कि सो जा बेटा गब्बर आ जाएगा, जब 100 कोस दूर तक जब अपने बेटे को मां सुलाती है तो यह जरूर कहती है. पूनिया ने व्यंग्यात्मक तरीके से कहा कि अब यह डर कांग्रेस नेताओं के चेहरों पर है जो कांग्रेस नेताओं में हार की हताशा का प्रतीक है.
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कार्यकर्ताओं की है डिमांड
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से पूछा गया कि तीनों विधानसभा सीटों पर सबसे ज्यादा प्रचार के लिए कार्यकर्ताओं के बीच किस नेता की डिमांड है तो उन्होंने कहा कि इसका कोई पैरामीटर नहीं होता है. कार्यकर्ताओं के परिश्रम से चुनाव जीता जाता है. उन्होंने कहा कि प्रचार के लिए तो सनी देओल, माधुरी दीक्षित, प्रीति जिंटा की भी डिमांड होती है, लेकिन वह व्यस्त हैं और हमारे बड़े नेता पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में व्यस्त हैं. ऐसे में प्रदेश के प्रमुख नेता ही वहां चुनाव प्रचार करेंगे.