जयपुर. विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण में ACB टीम शुक्रवार को हरियाणा के मानेसर के दो होटलों में पहुंची, जहां वे विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेन्द्र सिंह की तलाश में पहुंची थी. लेकिन होटल मैनेजर ने उन्हें अंदर जाने से मना कर दिया.
जयपुर से शुक्रवार को एसीबी की एक टीम डीएसपी अलवर सालेह मोहम्मद की अगुआई में मानेसर पहुंची, जहां वे बेस्ट वेस्टर्न रिसॉर्ट कंट्री क्लब होटल और आईटीसी ग्रैंड भारत होटल में विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेन्द्र सिंह को समन की तामील कराने पहुंची थी. जिसके बाद बेस्ट वेस्टर्न रिजॉर्ट कंट्री क्लब प्रबंधन ने टीम को होटल के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया. टीम करीब 1 घंटे तक मुख्य द्वार पर खड़ी रही. वहीं, होटल प्रबंधन ने किसी भी विधायक के वहां होने से इंकार कर दिया. सूत्रों की जानकारी के अनुसार विधायक इसी होटल में ठहरे हुए हैं.
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होटल में जाने की अनुमति नहीं मिलने पर सालेह मोहमद ने होटल मैनेजमेंट को लिखकर देने के लिए कहा कि यहां कोई विधायक नहीं है. जिसके बाद होटल प्रबंधन ने लिखित में ACB को बताया कि यहां भंवरलाल शर्मा और विश्वेन्द्र सिंह नाम का कोई विधायक नहीं है. जिसके बाद ACB टीम हरियाणा से बैरंग लौट गई.
ACB को होटल की ओर से मिली लिखित कॉपी बता दें कि दोनों विधायकों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो ने मुकदमा दर्ज किया है. जिसमें समन देने के लिए टीम शुक्रवार को नूह जिले के पाड़ा हसनपुर गांव की भूमि में बने कंट्री क्लब और सराय गांव की भूमि में बने आईटीसी ग्रैंड भारत होटल गई थी, लेकिन जिस तरह SOG की टीम को अंदर जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. ठीक उसी तरह ACB की टीम को भी होटल के अंदर प्रवेश नहीं मिला. वहीं, SOG करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद किसी तरह होटल में प्रवेश कर गई थी, लेकिन एसीबी की टीम मेन गेट से लिखित में जवाब मिलने के बाद वापस लौट गई.
लिखित जवाब मिलने के बाद टीम लौटी...
एसीबी की टीम का नेतृत्व कर रहे डीएसपी सालेह मोहम्मद से जब पत्रकारों ने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि होटल प्रबंधन की तरफ से लिखित में जवाब मिल चुका है कि होटल में भंवर लाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह विधायक नहीं रुके हैं. अब मामले में आगामी क्या कार्रवाई की जाती है यह जांच अधिकारी तय करेंगे.
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राजस्थान की सियासत में कुल मिलाकर मचा भूचाल अभी कुछ दिन और थमता दिखाई नहीं दे रहा है. महामहिम गवर्नर से सत्र की अनुमति देर से मिलने के अलावा मामला न्यायालय में विचाराधीन है. इसके अलावा SOG और एसीबी की टीमें विधायकों की तलाश में जगह-जगह घूम रही हैं, लेकिन अभी कोई खास कामयाबी इन टीमों को मिलती दिखाई नहीं दे रही है.